Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 10
वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।।
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।।
कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसा कोई…..
जो तुम्हारे सितम भी सहे….
और तुमसे मुहब्बत भी करे ॥
जो तुम्हारे सितम भी सहे….
और तुमसे मुहब्बत भी करे ॥
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
के ज़ख़्म ताज़ा रहे और निशान चला जाए..
के ज़ख़्म ताज़ा रहे और निशान चला जाए..
ज्यादा कुछ नहीं बदला
ज़िन्दगी में,
बस बटुए थोड़े भारी
और
रिश्ते थोड़े हलके हो गए !
ज़िन्दगी में,
बस बटुए थोड़े भारी
और
रिश्ते थोड़े हलके हो गए !
Bin Tere Mujko Zindagi Se Khauff Lagta Hai……
Kisto Kisto Mein Marr Raha Hu Aisa Roz Lagta Hai…
Kisto Kisto Mein Marr Raha Hu Aisa Roz Lagta Hai…
काश कुछ दिनों के लिए,
दुनियाँ को छोड़ जाना मुमकिन होता !
सुना है लोग बहुत याद करते हैं,
दुनियाँ से चले जाने के बाद !
दुनियाँ को छोड़ जाना मुमकिन होता !
सुना है लोग बहुत याद करते हैं,
दुनियाँ से चले जाने के बाद !
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !
बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !
अजीज़ तो हम भी सब के थे,
फ़राज़
मगर सिर्फ उनके मतलब निकल जाने तक……..
फ़राज़
मगर सिर्फ उनके मतलब निकल जाने तक……..
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना,
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना.
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना.
Hazaron Aib He Mujh Me,
Mujhe Maloom He Lekin…
Koi Ek Shaks He Aisa,
Jo Mujhe Anmol Kehta He…
Mujhe Maloom He Lekin…
Koi Ek Shaks He Aisa,
Jo Mujhe Anmol Kehta He…
न करना वक्त से तुम बदतमीजी…
कि वो अक्सर पलटकर बोलता है !
कि वो अक्सर पलटकर बोलता है !
वोह अल्फ़ाज़ ही क्या जो समझानें पढ़ें,
हमने मुहब्बत की है कोई वकालत नहीं ।
हमने मुहब्बत की है कोई वकालत नहीं ।
ये तेरे याद के बादल जो बसते हे
इन आँखों में काजल की तरह….
यूँ बेवजह बरसजाना………….
तो इनकी आदत ना थी….!
इन आँखों में काजल की तरह….
यूँ बेवजह बरसजाना………….
तो इनकी आदत ना थी….!
कल रात उसको ख्वाब मे गले से लगाया था मैने…
आज दिन भर मेरे दोस्त मेरी महक का राज पूछते रहे…
आज दिन भर मेरे दोस्त मेरी महक का राज पूछते रहे…
सिमटते जा रहें हैं….
दिल और ज़ज्बात के रिश्ते….
सौदा करने मे जो माहिर है….
बस वही धनवान है…
दिल और ज़ज्बात के रिश्ते….
सौदा करने मे जो माहिर है….
बस वही धनवान है…
पता है मैं हमेशा खुश क्यों रहता हूँ ?
क्योंकि मैं खुद के सिवा किसी से
कोई उम्मीद नहीं रखता..
क्योंकि मैं खुद के सिवा किसी से
कोई उम्मीद नहीं रखता..
मैंने सारी रात पत्तियों को देखा बारिश के पानी को बूँद बूँद रिहा करते हुए…
किसी अपने को खोना भी शायद ऐसा ही कुछ लगता हैं…
किसी अपने को खोना भी शायद ऐसा ही कुछ लगता हैं…
जानता हूँ खुद को…
इसलिए खुद से बहस नहीं करता…
इसलिए खुद से बहस नहीं करता…
सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते,
झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ….
झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ….
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह…
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..
किसने कहा,
मेरे दिल में मेहमान बन के आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है,
जब भी आए,
सुलतान बन के आया कर…
मेरे दिल में मेहमान बन के आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है,
जब भी आए,
सुलतान बन के आया कर…
Acha Hua Maloom Ho Gaya,
Apno Ki Mohabbat Ab Mohabbat Nahi Rahi,
Warna Hum Toh Apna Ghar Bhi Chhod Rahe They,
Unke Dil Main Rehne Ke Liye
Apno Ki Mohabbat Ab Mohabbat Nahi Rahi,
Warna Hum Toh Apna Ghar Bhi Chhod Rahe They,
Unke Dil Main Rehne Ke Liye
दुश्मनों से मुहब्बत होने लगी है मुझे,
जैसे-जैसे दोस्तों को आज़माता जा रहा हूँ मैं…
जैसे-जैसे दोस्तों को आज़माता जा रहा हूँ मैं…
“तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी,
ना दिन का पता है ना रात का पता.
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी,
एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी..
ना दिन का पता है ना रात का पता.
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी,
एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी..
जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले…!
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !
जब भी वो उदास हो उसे
मेरी कहानी सुना देना ,
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत
है .
मेरी कहानी सुना देना ,
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत
है .
इक उम्र गुजार दी हमने,
रिश्तों का मतलब समझने में..
लाेग मशरूफ हैं,
मतलब के रिश्ते बनाने में…!
रिश्तों का मतलब समझने में..
लाेग मशरूफ हैं,
मतलब के रिश्ते बनाने में…!
बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी…
लेकिन,
दूसरो को रौंदने का हुनर कहां से लाता!
लेकिन,
दूसरो को रौंदने का हुनर कहां से लाता!
आज मेरे शहर में धुप खिली खिली सी है..
पता नहीं सूरज निकला है या घर से वो निकली है..
पता नहीं सूरज निकला है या घर से वो निकली है..
मै फिर से निकलूँगा तलाशने को मेरी जिन्दगी में खुशियाँ यारों……
दुआ करना इस बार किसी से मोह्हबत ना हो ..
दुआ करना इस बार किसी से मोह्हबत ना हो ..
Mohabbat Mein Kisi Ka Imtihan Na Lo Kbi,
Jo Nibha Naa Sako Wo Vada Na Do Kbi,
Jisy Tum Bin Rehny Ki Adat Hi Na Ho,
Usy Jeny Ki Dua Naa Do Kbi.
Jo Nibha Naa Sako Wo Vada Na Do Kbi,
Jisy Tum Bin Rehny Ki Adat Hi Na Ho,
Usy Jeny Ki Dua Naa Do Kbi.
थोड़ी बहुत मुहब्बत से काम नहीं चलता ऐ दोस्त,
ये वो मामला है जिसमें या सब कुछ या कुछ भी नहीं..
ये वो मामला है जिसमें या सब कुछ या कुछ भी नहीं..
खामोशी की जुबां बयां कर देती है सब कुछ,
जब दिल का रिश्ता जुड जाता है किसी से …
जब दिल का रिश्ता जुड जाता है किसी से …
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम,
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम,
जिसको जितना याद करते हैं,
उसे भी उतना याद आयें हम.
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम,
जिसको जितना याद करते हैं,
उसे भी उतना याद आयें हम.
“खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती,
तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती .
तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती .
जुबां तो खोल,
नज़र तो मिला,
जवाब तो दे..
मै तुझपे कितनी बार लुटा हूँ मुझे हिसाब तो दे…
नज़र तो मिला,
जवाब तो दे..
मै तुझपे कितनी बार लुटा हूँ मुझे हिसाब तो दे…
मुझसे नफरत कर…
“बेशक कर “.!
पर उतनी ही कर,
जितनी तुने मोहब्बत की थी..
“बेशक कर “.!
पर उतनी ही कर,
जितनी तुने मोहब्बत की थी..
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है…
करता भी क्या..
बात जो तुम पर आ रही थी….
करता भी क्या..
बात जो तुम पर आ रही थी….
तेरे आने से पहले उदासी रहती है,
तेरे जाने के बाद उदासी छाती है…
इस बीचजो वक़्त गुज़रता है उसे मैं
ज़िन्दगी नाम देता हूँ…
तेरे जाने के बाद उदासी छाती है…
इस बीचजो वक़्त गुज़रता है उसे मैं
ज़िन्दगी नाम देता हूँ…
कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने
“”एय दिल “”
लोग आप से तुम ,
तुम से जान ,
और जान
से अनजान हो जाते हैं…
“”एय दिल “”
लोग आप से तुम ,
तुम से जान ,
और जान
से अनजान हो जाते हैं…
जीँदगी हो या शतरंज,
मजा तभी है दोस्त,
जब रानी मरते दम तक साथ हो…….
मजा तभी है दोस्त,
जब रानी मरते दम तक साथ हो…….
इन बादलों का मिजाज
मेरे महबूब से बहुत मिलता है ।
कभी टूट के बरसते हैं कभी बेरुखी से गुज़र जाते हैं ।
मेरे महबूब से बहुत मिलता है ।
कभी टूट के बरसते हैं कभी बेरुखी से गुज़र जाते हैं ।
चाँद का मिजाज भी,
तेरे जैसा है..
जब देखने की तम्मना होती है,
नज़र नहीं आता…
तेरे जैसा है..
जब देखने की तम्मना होती है,
नज़र नहीं आता…
इसे लबों से चूमते हैं… ज़ुबाँ से छेड़ते
हैं…बूँद-बूँद… धीरे धीरे… ये शराब हैं
जनाब… इसे हम यूँ ही नहीं पीते..
हैं…बूँद-बूँद… धीरे धीरे… ये शराब हैं
जनाब… इसे हम यूँ ही नहीं पीते..
हर रिश्ते मे मिलावट देखीं,
कच्चे रँगों क़ी सजावट देखी।
लेकिन सालों-साल देखा है माँ को,
उसके चेहरे पर ना थकावट देखीं,
ना ममता मे मिलावट देखी।
कच्चे रँगों क़ी सजावट देखी।
लेकिन सालों-साल देखा है माँ को,
उसके चेहरे पर ना थकावट देखीं,
ना ममता मे मिलावट देखी।
तेरी यादों की उल्फ़त से सजी है महफिल मेरी …..
मैं पागल नही हुँ ..
? जो तुझे भूल कर वीरान
हो जाऊ…
मैं पागल नही हुँ ..
? जो तुझे भूल कर वीरान
हो जाऊ…
मियाँ..
मरने के लिए थोड़ा सा,
लेकिन जिंदा रहने के लिए बहुत सारा जहर पीना पड़ता है ।
मरने के लिए थोड़ा सा,
लेकिन जिंदा रहने के लिए बहुत सारा जहर पीना पड़ता है ।
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की….
तुम मुझे पहचानते हो,
बस इतना ही काफी है..
तुम मुझे पहचानते हो,
बस इतना ही काफी है..
“तकदीर ने जैसा चाहा ढल गये हम,
यूं तो संभल कर चले थे फिर भी फिसल गये हम,
अपना यकीन है कि दुनिया बदल गयी,
पर सबका खयाल है कि बदल गये हम.”
यूं तो संभल कर चले थे फिर भी फिसल गये हम,
अपना यकीन है कि दुनिया बदल गयी,
पर सबका खयाल है कि बदल गये हम.”
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.
और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..
और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..
यु तो क्या कहे की जिंदगी ने इम्तेहान बहुत लिए…
आँखों में आंसू कम,
पर दिल पे जख्म कई दिए…
हर पर ख़ुशी की तलाश में भटकती रही जिन्दगी…
ख़ुशी न मिली,
तो गम छुपाने के लिए मुस्कुरा दिए…
आँखों में आंसू कम,
पर दिल पे जख्म कई दिए…
हर पर ख़ुशी की तलाश में भटकती रही जिन्दगी…
ख़ुशी न मिली,
तो गम छुपाने के लिए मुस्कुरा दिए…
खुल जाता है उस की यादों का बाज़ार सुबह सुबह,
बस मेरा दिन इसी रौनक में गुज़र जाता है ।
बस मेरा दिन इसी रौनक में गुज़र जाता है ।
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला,
शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला…
शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला…
“वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो,
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं.”
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो,
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं.”
“शाम खाली है जाम खाली है,
ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
…”
ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
…”
Lehro Ko Khamosh Dekhkar Yeh Nah Samaj Ki
Samandar Mai Ravangi Nahi Hai..
Hum Jab Bhi Uthege Tufan Banke
Uthege Bas Uthne Ki Abhi Thani Nahi Hai…!
Samandar Mai Ravangi Nahi Hai..
Hum Jab Bhi Uthege Tufan Banke
Uthege Bas Uthne Ki Abhi Thani Nahi Hai…!
तेरे लबों पे चंद जमी हुई शिक़ायतें…
ख़ामोशी मुझको अक्सर सुनाया करती हैं…
ख़ामोशी मुझको अक्सर सुनाया करती हैं…
Mujhe Mere Kal Ki Fikar Aaj Bhi Nahi Hai..
Par Khuwahish To Tujhe Paane Ki Qayamat Tak Rahegi..
Par Khuwahish To Tujhe Paane Ki Qayamat Tak Rahegi..
वोह कबसे तलवार लिये मेरे पीछे भाग रही है…
मैने तो मजाक मै कहा था की…
दिल चीर के दैख… तेरा ही नाम होगा…
मैने तो मजाक मै कहा था की…
दिल चीर के दैख… तेरा ही नाम होगा…
जो तेरी आंखो से बयान होते हैं,
वो लफ़्ज़ किताबों मे कहाँ मिलते हैं…
वो लफ़्ज़ किताबों मे कहाँ मिलते हैं…
कुछ रिश्तें मेहँदी के रंग की तरह हाेते है,
शुरूआत में चटख़ ,
बाद में फिके पड जाते है..
शुरूआत में चटख़ ,
बाद में फिके पड जाते है..
मरने की लाखो वजह देती है दुनिया
पर जीने की वजह तो बस एक तू है ..
पर जीने की वजह तो बस एक तू है ..
रिश्तों की ख़ूबसूरती एक दूसरे की बातें बर्दाश्त करने में है,
ख़ुद जैसा इन्सान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे।
ख़ुद जैसा इन्सान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे।
Wo Mujh Se Bichda To Bichad Gye Zindagi..
Mein Zinda To Raha Magar Zindon Me Na Raha..
Mein Zinda To Raha Magar Zindon Me Na Raha..
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।L
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।L
Jis Din Band Kar Li Maine Ankhe,
Kai Ankho Se Uss Din Aansu Barsenge,
Jo Kehte Hai K Bahut Tang Karta Hu
Me Wahi Meri Ek Sharart Ko Tarsenge…
Kai Ankho Se Uss Din Aansu Barsenge,
Jo Kehte Hai K Bahut Tang Karta Hu
Me Wahi Meri Ek Sharart Ko Tarsenge…
अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है..
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है..
“समंदर की लहरों पर,
पैरों के निशान बना सकता हूँ!
तुम साथ ग़र दो तो,
जमीं पर आसमां बना सकता हूँ!
पैरों के निशान बना सकता हूँ!
तुम साथ ग़र दो तो,
जमीं पर आसमां बना सकता हूँ!
सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है…..
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है…..
ये भी अच्छा है सिर्फ सुनता है;
दिल अगर बोलता तो कयामत हो जाती ।
दिल अगर बोलता तो कयामत हो जाती ।
दो दिन का कर के इश्क़ ज़िन्दगी भर का ग़म दे दिया..
कमबख्त इतना सूद तो किसी मुनीम ने भी ना लिया…
कमबख्त इतना सूद तो किसी मुनीम ने भी ना लिया…
तुम सामने आये तो,
अजब तमाशा हुआ..
हर शिकायत ने जैसे,
खुदकुशी कर ली..
अजब तमाशा हुआ..
हर शिकायत ने जैसे,
खुदकुशी कर ली..
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की ??!
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की ??!
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों…
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके ..
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके ..
अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुरसत में सोचूंगा,
कि तुझको याद रखने में,
मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ….
कि तुझको याद रखने में,
मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ….
एक पल है बहुत खुद को समझने के लिए ।
और उस पल के लिए उमर गुजर जाती है ।
और उस पल के लिए उमर गुजर जाती है ।
हम समझते कम और समझाते ज्यादा हैं …
इसलिए सुलझते कम और उलझते ज्यादा हैं ….
इसलिए सुलझते कम और उलझते ज्यादा हैं ….
Zakham De Kar Na Puch Dard Ki Shiddat,
Dard To Phir Dard Hai,
Kam Kya,
Zeyaada Kya….
Dard To Phir Dard Hai,
Kam Kya,
Zeyaada Kya….
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की……
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!
Naa Aarzoo Hai Jeene Ki,
Na Fariyaad Hai Jaane Ki…
Agar Khuda Ek Pal Bhi Mujhe Dede Mere Marzi Ka…
Us Pal Me Koshish Kar Lunga Tujhe Sada K Liye Paane Ki…
Na Fariyaad Hai Jaane Ki…
Agar Khuda Ek Pal Bhi Mujhe Dede Mere Marzi Ka…
Us Pal Me Koshish Kar Lunga Tujhe Sada K Liye Paane Ki…
Aaj Mere Dil Ko Ek Toofan Ne Rohnd Diya !
Galati Shayad Hamari Hi Thi !
“Kambakht” Aanshu Samaj K Usko Apni Aankho Se Jo Bahne Na Diya !
Galati Shayad Hamari Hi Thi !
“Kambakht” Aanshu Samaj K Usko Apni Aankho Se Jo Bahne Na Diya !
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ.,
लोग ठहरे नहीं हादसा देखकर……..
लोग ठहरे नहीं हादसा देखकर……..
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो;
चार किताबें पढ़कर वो भी हमारे जैसे हो जाएंगे।
चार किताबें पढ़कर वो भी हमारे जैसे हो जाएंगे।
वो चुपके से जरूर आएगी मिलने मुझसे….
हकीकत नही तो “सपने” मे ही सही…
हकीकत नही तो “सपने” मे ही सही…
“ऐ मौत उन्हें भुलाए जमाने गुजर गए,
आ जा कि जहर खाए जमाने गुजर गए…
ओ जाने वाले !
आ कि तेरे इंतजार में
रास्ते को घर बनाए जमाने गुजर गए…
आ जा कि जहर खाए जमाने गुजर गए…
ओ जाने वाले !
आ कि तेरे इंतजार में
रास्ते को घर बनाए जमाने गुजर गए…
न जाहिर हुई तुमसे,
न बयान हुई हमसे।
बस
सुलझी हुई आँखो मेँ,
उलझी रही मोहब्बत॥
न बयान हुई हमसे।
बस
सुलझी हुई आँखो मेँ,
उलझी रही मोहब्बत॥
तनहा रहेने का भी अपना मज़ा है दोस्तों…….
यकीन होता है की कोई छोड़कर नहीं जायेगा,
और
उम्मीद नहीं होती किसी के लौट आने की…!
यकीन होता है की कोई छोड़कर नहीं जायेगा,
और
उम्मीद नहीं होती किसी के लौट आने की…!
“क्यूँ ना गुरुर करता मैं अपने आप पे,
मुझे उसने चाहा… जिसके चाहने वाले हज़ारों थे…..
मुझे उसने चाहा… जिसके चाहने वाले हज़ारों थे…..
हम सिर्फ इक तेरे दीदार की खातिर आते है गली में तेरी,
वरना हमारे लिए पूरा शहर पडा है,
आवारगी करने को………
वरना हमारे लिए पूरा शहर पडा है,
आवारगी करने को………
Hum Donon Hi Darte The,
Ek Dusre Se Baat Karne Se,
Main,
Muhabbat Ho Gayi Thi Isliye,
Wo Muhabbat N Ho Jaye Isliye…
Ek Dusre Se Baat Karne Se,
Main,
Muhabbat Ho Gayi Thi Isliye,
Wo Muhabbat N Ho Jaye Isliye…
Suna Hai Zehar Peene Se Maut Aati Hai,
Hum To Behisab Peekar Bhi Jee Rahe Hai…!
Hum To Behisab Peekar Bhi Jee Rahe Hai…!
Aaj Bewafaao Ki Mahefil Saji Hei
Waqt Nikaal Ke Tum Bhi Aa Jaana..
Waqt Nikaal Ke Tum Bhi Aa Jaana..
कुछ कर गुजरने की चाह में,
कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नज़र आये हम,
जहां जहां से गुजरे…
कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नज़र आये हम,
जहां जहां से गुजरे…
Dil Mein Khila Hai Aapke Naam Ka Phool
Dil Se Kahi Hona Jaye Koi Bhool
Dil Ka Hai Aapke Liye Alag Sa Usool
Ki Aapki Khushi Ke Aage Hai Sab Kuch Qubool !
Dil Se Kahi Hona Jaye Koi Bhool
Dil Ka Hai Aapke Liye Alag Sa Usool
Ki Aapki Khushi Ke Aage Hai Sab Kuch Qubool !
उसको रब से इतनी बार माँगा है
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और..
आज कई बार..
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
आज कई बार..
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
कोई नाराज हैँ हमसे हम कुछ लिखते नहीँ,
कहां से लाएं लफ्ज जब वो हमसे मिलते नहीँ …
कहां से लाएं लफ्ज जब वो हमसे मिलते नहीँ …
उसको रब से इतनी बार माँगा है,
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
“हर बात मानी है तेरी सर झुका कर ए जिंदगी,
हिसाब बराबर कर…. तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी”
हिसाब बराबर कर…. तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी”
ना बादशाह हूँ मै दिलों का,
ना शायर हूँ मै लफ़्ज़ों का ..
बस जुबां साथ देती है,
मै बातें दिल से करता हूँ !
ना शायर हूँ मै लफ़्ज़ों का ..
बस जुबां साथ देती है,
मै बातें दिल से करता हूँ !
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