Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 11
तेरी बातों मैं प्यार के तेवर कम थे…
जब आँखों में झाँका तो हम ही हम थे…!
जब आँखों में झाँका तो हम ही हम थे…!
ऐ बेखबर यु बेवजह बेरुखी ना किया कर,
कोई टूट के बिखर सा जाता है,
इक तेरे यु लहजा बदलने के मजाक से……….
कोई टूट के बिखर सा जाता है,
इक तेरे यु लहजा बदलने के मजाक से……….
यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं.
जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं.
गिरना भी अच्छा है,
औकात का पता चलता है…
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को,
तब अपनों का पता चलता है…
औकात का पता चलता है…
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को,
तब अपनों का पता चलता है…
Chahat Hai Kisi Chahat Ko Pane Ki,
Chahat Hai Chahat Ko Aazmane Ki,
Wo Chahe Hume Chahe Na Chahe Par
Chahat Hai Unki Chahat Me Mit Jane Ki.
Chahat Hai Chahat Ko Aazmane Ki,
Wo Chahe Hume Chahe Na Chahe Par
Chahat Hai Unki Chahat Me Mit Jane Ki.
Wafadar Hone Ka Agar Kahin
Certificate Milta To Kya Baat Thi..
Wahan Pe Bhi Aap Dhokha Aur
Hera Feri Karke Apna Naam Likhwa Lete !
Certificate Milta To Kya Baat Thi..
Wahan Pe Bhi Aap Dhokha Aur
Hera Feri Karke Apna Naam Likhwa Lete !
तुम्हारा लक्ष्य अगर बडा हो और
उस पे हंसने वाले न हो तो
समझना लक्ष्य अभी छोटा है …………
उस पे हंसने वाले न हो तो
समझना लक्ष्य अभी छोटा है …………
दर्द बनाकर रख लो मुझे
सुना है दर्द बहुत वक्त तक साथ रहता है ।
सुना है दर्द बहुत वक्त तक साथ रहता है ।
मेरे जखमों पर मरहम नालगाओ,
हमें मजा आता है.
हर चीख के साथ तेरा चेहरा जो नजर आता है..
हमें मजा आता है.
हर चीख के साथ तेरा चेहरा जो नजर आता है..
Itne Lamhe Guzare Hai Tere Saath Humne
Ke Aaj Ek Lamha Tanha Guzarna Mushkil Hain.
Ke Aaj Ek Lamha Tanha Guzarna Mushkil Hain.
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी,
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..
कोई अब जगाती हैं इन आँखों को रातों में…
हमने सोने का वक़्त अब बदल लिया हैं…
हमने सोने का वक़्त अब बदल लिया हैं…
कमाल का ताना दिया आज किसी ने मुझे..
कि,
लिखते तो खूब हो,
समझा भी दिया करो !
कि,
लिखते तो खूब हो,
समझा भी दिया करो !
“Apni Tanhaayi Se Tang Aa Kar..
Bahut Se Aainey Khareed Laya Hun …!
Bahut Se Aainey Khareed Laya Hun …!
क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..
काबील नजरो के लीये हम जान दे दे पर..
कोई गुरुर से देखे ये हमे मंजुर नही..
कोई गुरुर से देखे ये हमे मंजुर नही..
लम्हों ने खता की थी ,
सदियों ने सजा पाई है”
सदियों ने सजा पाई है”
कभी नही पड़ सकता यारो मैखाने को ताला..
एक दो चार नही हें सारा शहर हें पिने वाला …….
एक दो चार नही हें सारा शहर हें पिने वाला …….
ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है
लौट आती है ये जा जा के
नये जिस्म में क्यों,
आखिर इस रूह का
इस दुनिया से रिश्ता क्या है….
नये जिस्म में क्यों,
आखिर इस रूह का
इस दुनिया से रिश्ता क्या है….
रिश्तेदारी भी टेलीफोन है आज
सिक्का डालो तो बात होती है…
सिक्का डालो तो बात होती है…
“क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं,
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो”..
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो”..
बहुत मुश्किल से करते हैं तेरी यादों का कारोबार…
मुनाफा कम ही सही मग़र गुज़ारा हो ही जाता है…
मुनाफा कम ही सही मग़र गुज़ारा हो ही जाता है…
अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता
तो खुदा होता या तेरा दिल होता…
तो खुदा होता या तेरा दिल होता…
चलो सो जाते है अब किसी सच
क़ी तलाश मे ,
रही साँसे तो सुबह फिर इस
झूठी दुनीया का दीदार करना है..
क़ी तलाश मे ,
रही साँसे तो सुबह फिर इस
झूठी दुनीया का दीदार करना है..
शायरी मे सिमटते कहाँ हैँ दिल के दर्द दोस्तों
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ
काश के कभी तुम समझ जाओ,
मेरी मोहब्बत की इन्तेहा को,
हैरान रह जाओग तुम अपनी खुशकिस्मती पे !
मेरी मोहब्बत की इन्तेहा को,
हैरान रह जाओग तुम अपनी खुशकिस्मती पे !
मैं अगर चाहु भी तो शायद ना लिख सकूं उन लफ़्ज़ों को
जिन्हे पढ़ कर तुम समझ सको की मुझे तुम से कितनी मोहब्बत है!
जिन्हे पढ़ कर तुम समझ सको की मुझे तुम से कितनी मोहब्बत है!
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तक़ाज़ा हुआ।
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ।
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लों में जुदाई कि बातें।
अब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ।
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लों में जुदाई कि बातें।
अब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही ,
बस टूट टूट कर बिखरने आरज़ू नहीं रही !
बस टूट टूट कर बिखरने आरज़ू नहीं रही !
मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।
दिल भी बड़ा बत्तमिज़ है धडकता है सिने मे,
ऐसों के लिए जिन्हें धडकन सुनाई ही नहीं देती।
ऐसों के लिए जिन्हें धडकन सुनाई ही नहीं देती।
सीधा सादा डाकीया,
जादु करें महान
एक ही थैलेमे भरे,
आँसु और मुस्कान…!
जादु करें महान
एक ही थैलेमे भरे,
आँसु और मुस्कान…!
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की,
,
ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे मैं भीग जाते हैं…
,
ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे मैं भीग जाते हैं…
“Zindagi” Me Na Jane Kaunsi Baat “Aakhari” Hogi,
Na Jane Kaunsi “Raat” Aakhari Hogi
“Milte,
Julte,
Baate” Karte Raho Yar Ek “Dusre” Se Na
Jane Kaunsi “Mulakaat” “Aakhari” Hogi……..
Na Jane Kaunsi “Raat” Aakhari Hogi
“Milte,
Julte,
Baate” Karte Raho Yar Ek “Dusre” Se Na
Jane Kaunsi “Mulakaat” “Aakhari” Hogi……..
हम भी मौजूद थे
तकदीर के दरवाजे पर,
……
लोग दौलत पे गिरे,
हमने “तुझे” मांग लिया…….
तकदीर के दरवाजे पर,
……
लोग दौलत पे गिरे,
हमने “तुझे” मांग लिया…….
Teri Talab Ki Hadh Ne Esa Junoon Bakhsha Hai,
Hum Neend Se Uth Bethe Tujhe Khwaab Me Tanha Dekh Kar…!
Hum Neend Se Uth Bethe Tujhe Khwaab Me Tanha Dekh Kar…!
Suna Hai “Maut” Kabhi Bhi Aa Sakti Hai..
To Isse Kaho Na,
Ishq Se Pehle Aa Jaye…..
To Isse Kaho Na,
Ishq Se Pehle Aa Jaye…..
मेरे मुस्कुराते चेहरे को देख तुम मुझे
क्या समझोगे ,
मुझे तो वो नही समझ पाया जिसने मुझे
मुस्कुराना सिखाया…
क्या समझोगे ,
मुझे तो वो नही समझ पाया जिसने मुझे
मुस्कुराना सिखाया…
Ye Aur Baat Hai Ki Kismat Mujshe Lipatkar Roli.
Warna Baahein Toh Tujhe Dekhkar Failayi Thi..
Warna Baahein Toh Tujhe Dekhkar Failayi Thi..
लिखी कुछ शायरी ऐसे तेरे नाम से….
कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं,
वो भी तुम्हें बेमिसाल कहने लगे है…..
कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं,
वो भी तुम्हें बेमिसाल कहने लगे है…..
तुमको अपनी मिसाल दैता हुँ….
इश्क़ ज़िन्दा भी छोड़ देता हे..
इश्क़ ज़िन्दा भी छोड़ देता हे..
एक ही शख्स था मेरे मतलब का
आखिरकार
वो भी मतलबी निकला..
आखिरकार
वो भी मतलबी निकला..
मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं,
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है.
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है.
मैनें भी बदल दिये हैं ऊसूल ए जिन्दगी;
अब जो याद करेगा,
सिर्फ़ वो ही याद रहेगा;
अब जो याद करेगा,
सिर्फ़ वो ही याद रहेगा;
हाँ वो तुमने इक दवा बतलायी थी गम के लिए,
गम तो ज्यूँ का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गए ….!
गम तो ज्यूँ का त्यूं रहा बस हम शराबी हो गए ….!
कैसी गुज़र रही है,
सभी पूछते हैं,
कैसे गुजारता हूँ,
कोई पूछता नहीं !
सभी पूछते हैं,
कैसे गुजारता हूँ,
कोई पूछता नहीं !
Tu Hi Bata Kaha Se Dhund Kar Lau Ab Apne Aap Ko..
Tujhe Pane Ke Liye Maine Khud Ko Hi Kho Diya…
Tujhe Pane Ke Liye Maine Khud Ko Hi Kho Diya…
Kuch Khaas Nahi Bas Itni Si Mohabbat He Meri….
Har Raat Ka Akhiri Khayaal,
Har Subha Ki Pehli Soch Ho Tum!
Har Raat Ka Akhiri Khayaal,
Har Subha Ki Pehli Soch Ho Tum!
“तूने फैसले ही फ़ासले बढ़ानेवाले किये है,
वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे………!
वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे………!
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं……!
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं……!
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी….
फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं लोग…
फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं लोग…
तजुर्बा एक ही काफी था ,
बयान करने के लिए ,
मैंने देखा ही नहीं इश्क़ दोबारा कर के.
बयान करने के लिए ,
मैंने देखा ही नहीं इश्क़ दोबारा कर के.
Wo Apni Ahmiyat Har Bar Puchte Hain Mujhse…
Jane Kyu Meri Nazro Se Khud Ko Dekhkar Nahi Dekhte…….
Jane Kyu Meri Nazro Se Khud Ko Dekhkar Nahi Dekhte…….
Kar Kuchh Mera Bhi Ilaaj Ae Haqim-E-Ishq
Jis Raat Pura Chaand Ho,
Soya Nahi Jaata…
Jis Raat Pura Chaand Ho,
Soya Nahi Jaata…
Na Wo Milti Hai,
Na Main Rukta Hu,
Pata Nahi Rasta Galat Hai Ya Manzil.
Na Main Rukta Hu,
Pata Nahi Rasta Galat Hai Ya Manzil.
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना…
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है …!
मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है …!
“मिलके बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्स मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।”
एक यही किस्स मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।”
पिलाया रात काे ऐसे उसने नजरों के जाम,
सुबह हाेते ही साेचा फिर कब शाम हाेगी…!
सुबह हाेते ही साेचा फिर कब शाम हाेगी…!
Zulm Ki Mujh Par Inteha Kar Do,
Fir Koi Be Zubaan Mile Na Mile…
Fir Koi Be Zubaan Mile Na Mile…
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे;
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।
Chhalo Aaj Bajar Me Khud Ka Bhav Lagakar Dekhe.
Kimat Sahi N Mile,
To N Sahi.
Bajar Ki Aukat Pata Laga Kar Dekhe…
Kimat Sahi N Mile,
To N Sahi.
Bajar Ki Aukat Pata Laga Kar Dekhe…
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
तुमसा कोई दूसरा जमीन पर हुआ.
तो रब से शिकायत होगी ….
एक तो झेला नहीं जाता
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी…
तो रब से शिकायत होगी ….
एक तो झेला नहीं जाता
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी…
Maut Pe Bhi Mujhe Yakeen Hai,
Tum Per Bhi Aitbar Hai,
Dekhna Hai Pehle Kaun Aata Hai,
Humien Dono Ka Intizar Hai…
Tum Per Bhi Aitbar Hai,
Dekhna Hai Pehle Kaun Aata Hai,
Humien Dono Ka Intizar Hai…
Ye Bhi Acha Hua Ki Use Paa Na Sake Hum,
Hamare Ho Ke Bichadte To Qayamat Hoti..
Hamare Ho Ke Bichadte To Qayamat Hoti..
“हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें..
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं !
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं !
“वही है शाम वही खुशगवार मौसम फ़िर,
मैं कर रहा हूँ मेरी ख़्वाहिशों का मातम फ़िर।।।
मैं कर रहा हूँ मेरी ख़्वाहिशों का मातम फ़िर।।।
यूँ तो एक ठिकाना मेरा भी हैं…
मगर तुम्हारे बिना मैं
लापता सा महसूस करता हु…
मगर तुम्हारे बिना मैं
लापता सा महसूस करता हु…
Un Zakhmo Ko Bharne Me Kuchh Der To Lagti Hei
Jin Zakhmo Me Shaamil Ho Apno Ki Inaayate..
Jin Zakhmo Me Shaamil Ho Apno Ki Inaayate..
बरबाद कर देगी ये दोनों की लड़ाई मुझे।।
न ईश्क हार मानता है और ना दिल शिकस्त का आदि है।।
न ईश्क हार मानता है और ना दिल शिकस्त का आदि है।।
मत देख ऐ हसीना मुझको यु हँसते हँसते
मेरे दोस्त बड़े नालायक है,
कह देंगे भाभी नमस्ते
मेरे दोस्त बड़े नालायक है,
कह देंगे भाभी नमस्ते
कुछ लोग मेरी जींदगी मे खुशबु की तरह है …
महसुस तो होते है दिखाई नही देते….
महसुस तो होते है दिखाई नही देते….
ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है….
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है….
मैं कभी हारता नहीं
या तो जीतता हूँ,
या सीखता हूँ”….
या तो जीतता हूँ,
या सीखता हूँ”….
दम नहीं किसी में,
जो मिटा सके हमारी हस्ती को,
जंग तलवारो को लगती है,
नेक इरादो को नहीं!
जो मिटा सके हमारी हस्ती को,
जंग तलवारो को लगती है,
नेक इरादो को नहीं!
Tuj Me Aur Cigarette Me Koi Fark Nahi….
Tu Dur Reh K Jaan Leti He,
Ye Hotho Se Chhu K…
Tu Dur Reh K Jaan Leti He,
Ye Hotho Se Chhu K…
हाथ में टच फ़ोन,
बस स्टेटस के लिये अच्छा है….
सबके टच में रहो,
ज़िन्दगी के लिये ज्यादा अच्छा है ।
बस स्टेटस के लिये अच्छा है….
सबके टच में रहो,
ज़िन्दगी के लिये ज्यादा अच्छा है ।
बेवफाई तेरी आज मिटा कर आया हुँ.
खत तेरे सारे पानी मेँ बहा कर आया हुँ…..
कोई पढ़ ना ले तेरी बेवफाई के अफसाने,
इस लिए तेरी खातिर पानी मे भी आग लगा के आया हुँ………
खत तेरे सारे पानी मेँ बहा कर आया हुँ…..
कोई पढ़ ना ले तेरी बेवफाई के अफसाने,
इस लिए तेरी खातिर पानी मे भी आग लगा के आया हुँ………
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे..
और तुम गले लगा के कहो..
और कुछ..
और तुम गले लगा के कहो..
और कुछ..
Yaad Rahega Ye Dour- E Hayaat Humko
Ki Tarse The Zindgi Me Zindgi Ke Liye !
Ki Tarse The Zindgi Me Zindgi Ke Liye !
ख्वाहिश तो थी मिलने की… पर कभी कोशिश नही की…
सोचा के जब खुदा माना है तुजको तो बिन देखे ही पूजेंगे..
सोचा के जब खुदा माना है तुजको तो बिन देखे ही पूजेंगे..
मेरी मौत की ख़बर देना उन्हें मगर इन
अलफ़ाज़ में……!
तुम्हारा बरसों का जो अरमान था अब
पूरा हो गया ….!
अलफ़ाज़ में……!
तुम्हारा बरसों का जो अरमान था अब
पूरा हो गया ….!
आपकी दोस्ती से हम मशहूर हुए,
आप के संग हँसने लगे तो आँसू दूर हुए,
बस आप जैसे दोस्त की बदौलत,
आज हम काँच से कोहिनूर हुए…
आप के संग हँसने लगे तो आँसू दूर हुए,
बस आप जैसे दोस्त की बदौलत,
आज हम काँच से कोहिनूर हुए…
मेरी ख्वाहिश तो थी की मुझे तुम हीं मिलते,
पर मेरे ख्वाहिशों की इतनी औकात कहाँ !
पर मेरे ख्वाहिशों की इतनी औकात कहाँ !
Usne Mujhe Pucha..
Muje Pane K Liye Tum Kis Had Tak Ja Sakte Ho..
Mene Kaha….
Agar Had Hi Par Karni Hoti To Tumhe Kab Ka Paa Liya Hota…
Muje Pane K Liye Tum Kis Had Tak Ja Sakte Ho..
Mene Kaha….
Agar Had Hi Par Karni Hoti To Tumhe Kab Ka Paa Liya Hota…
“एक हम है की खुद नशे में है,
एक तुम हो की खुद नशा तुम में है।”
एक तुम हो की खुद नशा तुम में है।”
तू बहते पानी सी है,
हर शक्ल में ढल जाती है,
मैं रेत सा हूँ…
मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते.‼️
हर शक्ल में ढल जाती है,
मैं रेत सा हूँ…
मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते.‼️
हर रात जान-बूझ कर रखता हूँ दर खुला..
कोई तो हो लूटेरा जो मेरे गम भी लूट ले…
कोई तो हो लूटेरा जो मेरे गम भी लूट ले…
ऑंख से ऑंख मिलाता है कोई,
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।
दिल को खिंच लिये जाता है कोई,
बहुत हैरत है के भरी मेहफील में,
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई।
मकाम ए वस्ल (Meeting Place) तो
अर्ज-ओ-समां (Earth & Sky)
के बीच में है,
मैं इस ज़मीं से निकलूं तू आसमां से निकल…
अर्ज-ओ-समां (Earth & Sky)
के बीच में है,
मैं इस ज़मीं से निकलूं तू आसमां से निकल…
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के,
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले…
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले…
उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा !
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है !
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है !
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो..
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो..
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो..
Bahut Yaad Karte Hai Wo Muje…
Dil Se Ye Vaham Jata Kyu Nahi….
Dil Se Ye Vaham Jata Kyu Nahi….
Barbaadio Ka Jaayza Lene Ke Vaaste
Wo Puchh Lete Hei Hal Mera Kabhi Kabhi…
Wo Puchh Lete Hei Hal Mera Kabhi Kabhi…
बडा नाम है मेरा,
मेरी गलीयों मे.,
बदनाम तो मै उनकी गलीयों मे हुं..
मेरी गलीयों मे.,
बदनाम तो मै उनकी गलीयों मे हुं..
मैं तो ज़हर भी पी लूँगा इक तेरी ख़ातिर,
फ़राज़
पर शर्त है,
तू सामने बैठ मेरे,
मेरी साँसों के टूटने तक……
फ़राज़
पर शर्त है,
तू सामने बैठ मेरे,
मेरी साँसों के टूटने तक……
“मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट हे
यारो..
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हे ओर
मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हे…!
यारो..
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती हे ओर
मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती हे…!
“यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई,
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई,
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन,
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई.”
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई,
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन,
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई.”