Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 15
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…!!
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…!!
Nazro Ka Khel Toh Bacche Khelte Hai…
Hum To Sidha Dil Pe Waar Karte Hai…
Hum To Sidha Dil Pe Waar Karte Hai…
वो हैं की जाने को खड़े हैं,
दिल है की बैठा जा रहा है…!
दिल है की बैठा जा रहा है…!
बचपन में पिताजी के बटुए में हमेशा मेरी जरूरतों से ज्यादा पैसे रहते थे…
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया ।।
ये कारनामा मैं कभी अपने बटुए से नहीं दिखा पाया ।।
ये बात और है कि इज़हार ना कर सकेँ..
नहीँ है तुम से मोहब्बत..
भला ये कौन कहता है.
नहीँ है तुम से मोहब्बत..
भला ये कौन कहता है.
कितना नादान है ये दिल,
कैसे समझाऊ की जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता….
कैसे समझाऊ की जिसे तू खोना नही चाहता हैं वो तेरा होना नही चाहता….
“बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को दोस्तों,
प्रेम से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती….!
प्रेम से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती….!
इतने चहरे थे उसके चहरे पर
आईना तंग आ के टूट गया.
आईना तंग आ के टूट गया.
क़सूर उनका नहीं,
जो मुझसे दूरियाँ बना लेते है….
रिवाज है ज़माने में,
पढ़ी किताबें ना पढ़ने का.
जो मुझसे दूरियाँ बना लेते है….
रिवाज है ज़माने में,
पढ़ी किताबें ना पढ़ने का.
शौक से तोड़ो दिल मेरा मै क्यू परवाह करू,
तुम ही रहते हो इसमे अपना ही घर उजाड़ोगे…
तुम ही रहते हो इसमे अपना ही घर उजाड़ोगे…
Ae Zindagi Mujse Yu Daga Na Kar,
Main Zinda Rahu Ye Dua Na Kar,
Koi Dekhta Hai Use To Hoti Hai Jalan Mujhe,
Ae Hawa Tu Bhi Use Zyada Chhua Na Ker….
Main Zinda Rahu Ye Dua Na Kar,
Koi Dekhta Hai Use To Hoti Hai Jalan Mujhe,
Ae Hawa Tu Bhi Use Zyada Chhua Na Ker….
कभी मंदिर पे बैठते हैं कभी मस्जिद पे …!
ये मुमकिन है इसलिए क्योंकि परिंदों में नेता नहीं होते ….
ये मुमकिन है इसलिए क्योंकि परिंदों में नेता नहीं होते ….
Tujh Peh Kuch Aehtibar Tha Warna
Dil Bhala Kon Udhar Deta Hai..
Dil Bhala Kon Udhar Deta Hai..
आप खुद ही अपनी अदाओं में ज़रा ग़ौर कीजिये
हम अर्ज़ करेंगे तो शिकायत होगी
हम अर्ज़ करेंगे तो शिकायत होगी
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन;
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !
आया तो बार बार संदेशा अमीर का ..
मगर हो न सका सौदा जमीर का !
मगर हो न सका सौदा जमीर का !
Jo Safar Ki Shurwat Karte Hain,
Wo Hi Manzil Ko Paar Karte Hain.
Bas Ek Baar Chalne Ka Housla Rakhiye,
Achchhe Insano Ka To Raste Bhi Intazar Karte Hai…
Wo Hi Manzil Ko Paar Karte Hain.
Bas Ek Baar Chalne Ka Housla Rakhiye,
Achchhe Insano Ka To Raste Bhi Intazar Karte Hai…
Dard-E-Dil Me Uska Ehsas Nhi Hota,
Rota Hai Dil Jab Wo Pas Nahi Hota,
Barbad Ho Gaye Hum Unki Mohabbat Me,
Aur Wo Kehte Hai Is Tarah Pyar Nahi Hota…
Rota Hai Dil Jab Wo Pas Nahi Hota,
Barbad Ho Gaye Hum Unki Mohabbat Me,
Aur Wo Kehte Hai Is Tarah Pyar Nahi Hota…
दिल भी कमाल करता है,
जब खाली खाली होता है ,
भर आता है!
जब खाली खाली होता है ,
भर आता है!
हम इतने खूबसुरत तो नही है मगर हाँ…!
जिसे आँख भर के देख ले उसे उलझन मेँ डाल देते हॆ
जिसे आँख भर के देख ले उसे उलझन मेँ डाल देते हॆ
सब समझते हैं बात मतलब की
कोई नहीं समझता मतलब बात का…
कोई नहीं समझता मतलब बात का…
Chalo So Jate Hain Ab Fir Kisi Sach Ki Talash Mein.
Kal Fir,
Subah Uth Kar Phir Is Jhuthi Duniya Ka Deedar Karna Hai.
Kal Fir,
Subah Uth Kar Phir Is Jhuthi Duniya Ka Deedar Karna Hai.
एक अज़ब सी जंग छिड़ी है,
इस तन्हाई के आलम मेँ।
आँखे कहती है की सोने दे,
और दिल कहता है की रोने दे॥
इस तन्हाई के आलम मेँ।
आँखे कहती है की सोने दे,
और दिल कहता है की रोने दे॥
अजब पहेलियां हैं हाथों की लकीरों में…
सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं…
सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं…
Apni Aankho Ko Noch Daala Hai
Khwab Aaya Tha Phir Mohabbat Ka…
Khwab Aaya Tha Phir Mohabbat Ka…
सुना है…
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो ‘तुम…’
अरे ओ पागल…?
मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद
करना हो?
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो ‘तुम…’
अरे ओ पागल…?
मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद
करना हो?
Aap Hum Se Baat Apni Mrzi Se Karteho,
Aur Hum Bhi Kitne Pagal Hai Aapkimarzi Ka Intzaar Karte Hai….
Aur Hum Bhi Kitne Pagal Hai Aapkimarzi Ka Intzaar Karte Hai….
इश्क करो तो होम्योपैथिक वाला करो ,
फायदा ना हो तो नुक्सान भी ना हो…
फायदा ना हो तो नुक्सान भी ना हो…
शायद इश्क उतर रहा है सिर से…..
मुझे अलफ़ाज नहीं मिलते शायरी के लिए….!
मुझे अलफ़ाज नहीं मिलते शायरी के लिए….!
उसकी निगाहों में इतना असर था खरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी मेरी.
“एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये.!
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही .”
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही .”
घुटन क्या चीज़ है,
ये पूछिये उस बच्चे से
“जो काम करता हैं ,
इक खिलोने की दुकान पर “”
ये पूछिये उस बच्चे से
“जो काम करता हैं ,
इक खिलोने की दुकान पर “”
इस दिल की तसल्ली के लिए बस इतना ही काफी है,
जो हवा तुमको छुती है मैं उससे ही साँस लेता हूँ।।
जो हवा तुमको छुती है मैं उससे ही साँस लेता हूँ।।
बेर कैसे होते है “शबरी” से पूछो,
राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे !
राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे !
इंसानी जिस्म में सैंकड़ों हैवान देखे हैं,
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|
हमे सिंगल रेहने का शौक नही,
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही..
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही..
Kya Sunaoon Apni Sabar Ki Kahani Tumko…
Samandar Ka Rakhwala Tha,
Aur Saari Umar Pyasa Raha………….
Samandar Ka Rakhwala Tha,
Aur Saari Umar Pyasa Raha………….
Mai Kaise Yakeen Kar Lu,
Mujhse Mohabbat Nahi Thi Unko.
Suna Hai Aaj Bhi Wo Rote Hai,
Meri Tasweer Seene Se Laga Kar..
Mujhse Mohabbat Nahi Thi Unko.
Suna Hai Aaj Bhi Wo Rote Hai,
Meri Tasweer Seene Se Laga Kar..
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ..
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….
जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है…
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम ………….
और एक वो है ….
जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है………………
मेरी दोनों कोशिशें कभी कामयाब ना हो सकी . .
पहला तुझे पाने की फिर तुझे भूल जाने की…
पहला तुझे पाने की फिर तुझे भूल जाने की…
सारे गमों को पैरों से ठुकरा देते हैं,
हम उदास हों तो बस मुस्कुरा देते हैं.
हम उदास हों तो बस मुस्कुरा देते हैं.
तैरना तो आता था हमे मोहब्बत के समंदर मे लेकिन…
जब उसने हाथ ही नही पकड़ा तो डूब
जाना अच्छा लगा…
जब उसने हाथ ही नही पकड़ा तो डूब
जाना अच्छा लगा…
कुछ अरमान उन बारीश कि बुंद कि तरह होते है,
जिनको छुने कि ख्वाहिश में,
हथेलिया तो गिली हो जाती ,
पर हाथ हमेशा खाली रेह जाते है….
जिनको छुने कि ख्वाहिश में,
हथेलिया तो गिली हो जाती ,
पर हाथ हमेशा खाली रेह जाते है….
क्यूँ न हो मेरी नज़रों को शिकायत रात से.
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है….
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है….
लगता है,
मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी,
यूँ ही तो नहीं.!
मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी,
यूँ ही तो नहीं.!
वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना,
बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..
बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं..
शक है उनको रात में कहीं चूम ना ले हम….
गालों पे हाथ रख के सोयी होंठों को वैसे ही छोड़दिया ….
गालों पे हाथ रख के सोयी होंठों को वैसे ही छोड़दिया ….
Kalyug He Mere Dost
Etna Viswas Mat Rakh
Log Jeb Me Namak Liye Ghumte Hai
Apne Ghav Khule Mat Rakh..
Etna Viswas Mat Rakh
Log Jeb Me Namak Liye Ghumte Hai
Apne Ghav Khule Mat Rakh..
Ek Janaza Aur Ek Barat Takra Gaye
Unko Dekhne Wale Bhi Chakra Gaye
Uppar Se Awaz Ayi
Ye Kesi Vidai Hai
Mehboob Ki Doli Dekhne Yaar Ki Mayyat Ayi Ha…!
Unko Dekhne Wale Bhi Chakra Gaye
Uppar Se Awaz Ayi
Ye Kesi Vidai Hai
Mehboob Ki Doli Dekhne Yaar Ki Mayyat Ayi Ha…!
कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से,
किसको पता था कि घर जाना ही एक सपना बन जायेगा।
किसको पता था कि घर जाना ही एक सपना बन जायेगा।
Ajab Muqaam Pe Thehra Huwa Hai Kafila Dil Ka…
Sukoon Dhundne Nikle The,
Neende Bhi Gawa Bethe…
Sukoon Dhundne Nikle The,
Neende Bhi Gawa Bethe…
“तुम आए ज़िंदगी मे कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर”
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर”
“दिल टूट गया है फिर भी कसक सीने में बाकी है
नशे मैं मदहोश हैं तो क्या पैमाने मैं जाम अब भी बाकी है.”
नशे मैं मदहोश हैं तो क्या पैमाने मैं जाम अब भी बाकी है.”
Jab Chote The Hum To Jor Se Rote The
Jo Pasand Hota Tha Us Paane Ke Liye,
Aaj Bade Hai To Chupke Se Rote Hain
Jo Pasand Hain Use Bhulane Ke Liye…
Jo Pasand Hota Tha Us Paane Ke Liye,
Aaj Bade Hai To Chupke Se Rote Hain
Jo Pasand Hain Use Bhulane Ke Liye…
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हंस कर…
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद…
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद…
मुझसे मां से दो पल की जुदाई सही नहीं जाती हॆ…
पता नहीं बेटीयां ये हुनर कहां से लाती हॆं…!
पता नहीं बेटीयां ये हुनर कहां से लाती हॆं…!
जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा था मुझसे
ओ पागल …
अपनी ज़िंदगी जी लेना,
वैसे प्यार अच्छा करते हो..
ओ पागल …
अपनी ज़िंदगी जी लेना,
वैसे प्यार अच्छा करते हो..
चुप रहना ही बेहतर है,
जमाने के हिसाब से !
धोखा खा जाते है,
अक्सर ज्यादा बोलने वाले !
जमाने के हिसाब से !
धोखा खा जाते है,
अक्सर ज्यादा बोलने वाले !
एक लफ्ज़ है मोहब्बत
इसे कर के तो देखो !
तुम तड़प ना जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है मुक़द्दर
इससे लड़ कर तो देखो !
तुम हार न जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है वफ़ा
ज़माने में नहीं मिलती !
कहीं ढून्ढ पाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है आंसू
दिल में छुपा कर तो देखो !
तुम्हारी आँखों से न निकले तो कहना !
एक लफ्ज़ है जुदाई
इसे सह कर तो देखो !
तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है खुदा
उसे पुकार कर तो देखो !
सब कुछ पा ना लो तो कहना !
इसे कर के तो देखो !
तुम तड़प ना जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है मुक़द्दर
इससे लड़ कर तो देखो !
तुम हार न जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है वफ़ा
ज़माने में नहीं मिलती !
कहीं ढून्ढ पाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है आंसू
दिल में छुपा कर तो देखो !
तुम्हारी आँखों से न निकले तो कहना !
एक लफ्ज़ है जुदाई
इसे सह कर तो देखो !
तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना !
एक लफ्ज़ है खुदा
उसे पुकार कर तो देखो !
सब कुछ पा ना लो तो कहना !
आप भुलाकर देखो,
हम फिर भी याद आएंगे,
आपके चाहने वालों में,
आपको हम ही नज़र आएंगे,
आप पानी पी-पी के थक जाओगे,
पर हम हिचकी बनकर याद आएंगे.
हम फिर भी याद आएंगे,
आपके चाहने वालों में,
आपको हम ही नज़र आएंगे,
आप पानी पी-पी के थक जाओगे,
पर हम हिचकी बनकर याद आएंगे.
हवस ने पक्के मकान,
बना लिये हैं जिस्मों में..।
और सच्ची मुहब्बत किराये की झोपड़ी में,
बीमार पड़ी है आज भी..।।
बना लिये हैं जिस्मों में..।
और सच्ची मुहब्बत किराये की झोपड़ी में,
बीमार पड़ी है आज भी..।।
कोई वादा ना कर,
कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही,
जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही,
जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
सूरज ढला तो,
कद से ऊँचे हो गए साये,
कभी पैरों से रौंदी थी,
यही परछाइयां हमने…
कद से ऊँचे हो गए साये,
कभी पैरों से रौंदी थी,
यही परछाइयां हमने…
आज रब से मुलाकात की;
थोड़ी सी आपके बारे में बात की;
मैंने कहा क्या दोस्त है;
क्या किस्मत पाई है;
रब ने कहा संभाल के रखना;
मेरी पसंद है,
जो तेरे हिस्से में आई है…..
थोड़ी सी आपके बारे में बात की;
मैंने कहा क्या दोस्त है;
क्या किस्मत पाई है;
रब ने कहा संभाल के रखना;
मेरी पसंद है,
जो तेरे हिस्से में आई है…..
Hasai To Hasi Lav,
Radai To Radi Lav,
Sangraam Chhe Jindagi,
Ladai To Ladi Lav.
Radai To Radi Lav,
Sangraam Chhe Jindagi,
Ladai To Ladi Lav.
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ …
न जाने भीड़ कहां से आई..
जब बरसी ख़ुशियाँ …
न जाने भीड़ कहां से आई..
महोबत में मैंने किया कुंछ नहीं…
बस लुटा दिया..
उसके पसंद थी रोशनी..
मैंने ख़ुद को जला दिया..
बस लुटा दिया..
उसके पसंद थी रोशनी..
मैंने ख़ुद को जला दिया..
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
चिराग़ रोशनी नही देते…
हम उम्मीद बुझने नही देते…
हम उम्मीद बुझने नही देते…
आईना भला कब किसी को सच बता पाया है,
जब भी देखो दांया,
तो बायां नज़र आया है..
जब भी देखो दांया,
तो बायां नज़र आया है..
हर फूल को रात की रानी नही कहते,
हर किसी से दिल की कहानी नही कहते.
मेरी आँखों की नमी से समझ लेना,
हर बात को हम जुबानी नही कहते.
हर किसी से दिल की कहानी नही कहते.
मेरी आँखों की नमी से समझ लेना,
हर बात को हम जुबानी नही कहते.
उसने पूछा सबसे ज्यादा क्या पसंद है तुम्हे
मैं बहुत देर तक देखता रहा उसे
बस ये सोचकर कि
खुद जवाब होकर उसने सवाल क्यूँ किया…!
मैं बहुत देर तक देखता रहा उसे
बस ये सोचकर कि
खुद जवाब होकर उसने सवाल क्यूँ किया…!
सागर के किनारो पे खजाने नहीं आते।
पल जो फीसल गये हाथ से वो दुबारा नहीं आते।
पल जो फीसल गये हाथ से वो दुबारा नहीं आते।
जाने किस चमन की शाख़ सूनी हो गई होगी,
ये सोच कर हम फूल तोहफ़े में नही लेते !
ये सोच कर हम फूल तोहफ़े में नही लेते !
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है,
मैंने तो मोहब्बत करके,
ग़म का खजाना पा लिया ।
मैंने तो मोहब्बत करके,
ग़म का खजाना पा लिया ।
” काश तू मेरी आखो का आंसू बन जाए,
में रोना छोड़ दू तुझे खोने के डर से।”
में रोना छोड़ दू तुझे खोने के डर से।”
उनका कहना था कि मेरी शायरी में अब वो दम नहीं,
उन्हें क्या पता हम शायरी में दम नहीं दिल लगाते हैं !
उन्हें क्या पता हम शायरी में दम नहीं दिल लगाते हैं !
ए मेरे दिल ,
कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …….
कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …….
तेरा याद आ जाना”
हो सकती है. ” बात ज़रा सी ”
मगर,
यह बात बहुत देर तक याद आती है…
हो सकती है. ” बात ज़रा सी ”
मगर,
यह बात बहुत देर तक याद आती है…
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं…….
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं…….
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक़्त को मरहम बनाना सिख लें.
हारना तो है मोतके सामने,
फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सिख लें….!
वक़्त को मरहम बनाना सिख लें.
हारना तो है मोतके सामने,
फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सिख लें….!
जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है,
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं…
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं…
मैंने अपनी शाम चिरागों से क्या सजा ली,
कुछ दोस्तों ने हवाओं से शर्त लगा ली..
कुछ दोस्तों ने हवाओं से शर्त लगा ली..
गुलाम बनोगे तो कुत्ता समजकर लात मारेगी ये
दुनिया,
नवाब बनोगे तो शेर समजकर सलाम ठोकेगी ये
दुनिया….
दुनिया,
नवाब बनोगे तो शेर समजकर सलाम ठोकेगी ये
दुनिया….
आज भी कितना नादाँ हे दिल समझता ही नही…..
बरसो बाद भी उन्हें देखा तो दुवाए मांग
बेठा…..
बरसो बाद भी उन्हें देखा तो दुवाए मांग
बेठा…..
ऐ समन्दर…
मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ.
मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ.
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर..
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं…
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं…
“मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था ।
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था ।!
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में
जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।…..
जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।…..
वो उम्र भर तो साथ िनभा ना सके मेरा
लेकिन याद बनकर उसने मुझे कभी तन्हा ना छोड़ा..
लेकिन याद बनकर उसने मुझे कभी तन्हा ना छोड़ा..
तेरी सिर्फ एक निगाह ने खरीद लिया हमे,
बड़ा गुमान था हमे की हम बिकते नहीं।।
बड़ा गुमान था हमे की हम बिकते नहीं।।
सुना था कभी किसी से,
ये भगवान की दुनिया है,
और मोहब्बत से चलती है…
करीब से जाना तो समझा,
ये स्वार्थ की दुनिया है,
और बस जरुरतों से चलती है…
ये भगवान की दुनिया है,
और मोहब्बत से चलती है…
करीब से जाना तो समझा,
ये स्वार्थ की दुनिया है,
और बस जरुरतों से चलती है…
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…..
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो……..
खून ही हे…….
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो……..
खून ही हे…….
इरादा कत्ल का था तो,
सर कलम कर देते तलवार से,
क्यों इश्क़ में ढाल के तुमने,
हर सांस पे मौत लिख दी।
सर कलम कर देते तलवार से,
क्यों इश्क़ में ढाल के तुमने,
हर सांस पे मौत लिख दी।
कौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं…
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं…
Bhula Diye The Jo Waqt Ke Bhanwar Me Hamne
Aaj Dil Ke Wo Puraane Zakham Tezaab Ho Gaye…
Aaj Dil Ke Wo Puraane Zakham Tezaab Ho Gaye…
Khushboo Ki Tarah Aapke Pass Bikhar Jayenge,
Sukun Banker Dil Me Utar Jayenge,
Mehsus Karne Ki Koshish Toh Kijiye,
Dur Hote Hue Bhi Hum Pass Nazar Aayenge….
Sukun Banker Dil Me Utar Jayenge,
Mehsus Karne Ki Koshish Toh Kijiye,
Dur Hote Hue Bhi Hum Pass Nazar Aayenge….
“फ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते हैं,
बैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते हैं,
खुद तो मैसेज करते नहीं,
मुफ्त के मैसेज पढ़ने के शौक़ीन होते हैं”
बैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते हैं,
खुद तो मैसेज करते नहीं,
मुफ्त के मैसेज पढ़ने के शौक़ीन होते हैं”
कश्ती के मुसाफिर ने समँदर नहीँ देखा ।
आँखो को देखा पर दिल के अन्दर नहीँ देखा ।
पत्थर समझते है मुझे मेरे चाहने वाले ।
हम तो मोम थे किसी ने छुकर नहीँ देखा ।
आँखो को देखा पर दिल के अन्दर नहीँ देखा ।
पत्थर समझते है मुझे मेरे चाहने वाले ।
हम तो मोम थे किसी ने छुकर नहीँ देखा ।
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!
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