Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 16




दूर अफ़क (क्षितिज) पे
कहीं कोई बिस्तर होगा शायद…
रोज़ शाम देखता हूँ…
ये थका हारा सूरज वहीं कहीं थककर
गिर जाता है….




Eei mehboob mere yeh julm na kar,

Inn nazaro ke tir se dil pe vaar na kar
Yeh dil tumhei har pal duwaaye deta hei
Thoda soch kar tun ish dil par rahem kar.




तेरी चाहत तो मुक़द्दर है,

मिले न मिले;
राहत ज़रूर मिल जाती है,

तुझे अपना सोच कर…




Sanso ka pinjra kisi din toot jayega,

Phir musafir kisi raah me choot jayega,

Abhi sath hai to do baaten karlo,

Kya pata kab mukaddar humse ruth jayega….




फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़
फिरएकज़रा सीबातपरजीनापड़ामुझे।




हम तो आइना है दाग दिखाएंगे चेहरे के,
जिसे बुरा लगे वो सामने से हट जाए..




ऐसा लगता है,
हर इम्तिहाँ के लिए,

किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है……




Apne khwab me jis Kisi ne bhi tuje dekha hoga
nind khulte hi wo teri talaas me nikla hoga….




हमसे तन्हाई के मारे नहीं देखे जाते
बिन तेरे चाँद-सितारे नहीं देखे जाते




Teri mohabbat se lekar tere Alvida kahne tak,

Mene sirf tujhe chaha hai tujse kuch nahi chaha…




मुझे ही नहीं रहा शौक ए मोहब्बत वरना ,

तेरे शहर की खिड़कियां इशारे अब भी करती हैं ।




बड़ी शिदत से कोशिश कर रहा हूँ
अब में तुम्हे भूलने की,

कभी बहुत दिल से दुआ करता था
तुम्हे अपना बनाने की.




हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,

फिर भी ख्वाहिश है कि…
एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए…




हालात के साथ वों बदलते हे जो कमज़ोर होते हें,

हम तो हालात को ही बदल के रख देते हैं ….




तू अगर बेनक़ाब हो जाए …
जिंदगानी शराब हो जाए….




वो मुझसे बोली…क्या तुम जी लोगे मेरे बिना!
!

मैने पूछा क्या तुम ऑक्सीजन हो…




Yun Toh Meri Har Baat Samajh Jate Ho Tum,

Phir Bhi Kyun Mujhe Satate Ho Tum,

Tum Bin Koi Aur Nahi Hai Mera,

Kya Isi Baat Ka Faida Uthate Ho Tum.!




और कब तक खेलेगा तू मुझसे मेरे खुदा………..

अब तो अपना खिलौना बदल ले!

या में खुदा बदल दू।।।




मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि…
पत्थरों को मनाने,
फूलों कि क़त्ल कर आए हम ।
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ….
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम




Laga kar phool honto se kaha usne ye chupke se,

agar koi pas na hota to tum uski jagah hote.




रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर…..

किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया…!




बस तुम अपने होठों से,
मेरे कानों मे उठने को कह देना …..

यकीन मानो हम जनाज़े पर होने के वावजुद,

तुम्हारा भरोसा नहीं तोङ़ेगें…!




“आँखों से दूर दिल के करीब था,

में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,

रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”




मत सोना दोस्तों के कंधे पर सर रखकर,
,

क्यूंकि जब ये बिछड़ते है,
तो तकिये पर भी नींद नहीं आती..
!




“किसी को हमसफ़र नहीं मिला,

और किसी को रास्ता,

तमाम शहर ही किसी को ढूँढता मिला…….!




हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..




नींद से मेरा पुराना रिश्ता हैं…
मैं नींद से फांसले रखता हूँ…
नींद भी मेरे नज़दीक नहीं आती…




लोग पूछते हैं हमसे कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए हम उनसे प्यार उतना नहीं करते…




यूँ ही कम है ज़िंदगी मोहब्बत के लिए ,

रूठ कर वक्त गवाने की ज़रुरत क्या है




सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,

कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है…….!




इश्क पे मुकदमा कर के क्या मिल जायेगा,

जनाब-ऐ-हुस्न को पकड़ो,
जो फसाद की जड़ है !




हर बार सम्हाल लूँगा,
गिरो तुम चाहो जितनी बार ।
बस इल्तजा एक ही है,
कि मेरी नज़रों से ना गिरना ।




आसमान में उड़ने की मनाही नहीं है,

शर्त इतनी है की ज़मीन को नजर अंदाज़ ना करे…




‘समय’ और ‘समझ’ दोनों एक साथ खुश किस्मत लोगों को ही मिलते हैं…
क्योंकि……..
,

अक्सर ‘समय’ पर ‘समझ’ नहीं आती
और ‘समझ’ आने पर ‘समय’ निकल जाता है………




आखिर मरामत करना हमने सीख ही लीया !

दिल पथ्थरो के बीच तुटना छोटी बात बन गई!




दुश्मन बनाने के लिए जरुरी नहीं के युद्ध ही लड़ा जाए….!

थोड़े से कामयाब हो जाओ,
वो खैरात में मिलेंगे….!