Best Sharab Shayari - शराब पर शायरी | जाम-ए-इश्क़ की महक: अद्वितीय शराबी शायरी के ख़ज़ाने
Ham To Badnam Huye Kuchh Is Kadar Dosto,
Ki Paani Bhi Piyen To Log Sharab Kahate Hain.
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर दोस्तों,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं।
Esee Sharab Pee Hai Ki Ik Din Mera Nishaan
Masjid Mein Khaanakaah Mein Dhoondha Karenge Log.
एसी शराब पी है कि इक दिन मेरा निशां
मस्जिद में खानकाह में ढूँढा करेंगे लोग।
Masjid Mein Khaanakaah Mein Dhoondha Karenge Log.
एसी शराब पी है कि इक दिन मेरा निशां
मस्जिद में खानकाह में ढूँढा करेंगे लोग।
मिलावट है तेरे इश्क में
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं
कभी हम बहक जाते हैं
Milawat Hai Tere Ishq Me
Itr Aur Sharab Ki,
Kabhi Ham Mahak Jate Hai,
Kabhi Ham Bahak Jaate Hai.
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं
कभी हम बहक जाते हैं
Milawat Hai Tere Ishq Me
Itr Aur Sharab Ki,
Kabhi Ham Mahak Jate Hai,
Kabhi Ham Bahak Jaate Hai.
तसव्वुर अर्श पर है और सर है पा-ए-साक़ी पर,
गर्ज़ कुछ और धुन में इस घड़ी मय-ख़्वार बैठे हैं
दारु चढ के उतर जाती है
पैसा चढ जाये तो उतरता नही
आप अपने नशे में जीते है
हम जरा सी शराब पीते है..
गर्ज़ कुछ और धुन में इस घड़ी मय-ख़्वार बैठे हैं
दारु चढ के उतर जाती है
पैसा चढ जाये तो उतरता नही
आप अपने नशे में जीते है
हम जरा सी शराब पीते है..
-गुलज़ार
Tumhen Jo Sochen To Hota Hai Kaif Sa Taaree
Tumhaara Zikr Bhi Jaame-Sharab Jaisa Hai
तुम्हें जो सोचें तो होता है कैफ़ सा तारी
तुम्हारा ज़िक्र भी जामे-शराब जैसा है
Tumhaara Zikr Bhi Jaame-Sharab Jaisa Hai
तुम्हें जो सोचें तो होता है कैफ़ सा तारी
तुम्हारा ज़िक्र भी जामे-शराब जैसा है
गज़लें अब तक शराब पीती थीं
नीम का रस पिला रहे हैं हम.
Ghazal Ab Tak Sharab Peeti Thi,
Neem Ka Ras Pila Rahe Hai Ham.
नीम का रस पिला रहे हैं हम.
Ghazal Ab Tak Sharab Peeti Thi,
Neem Ka Ras Pila Rahe Hai Ham.
Ab To Zaahid Bhee Ye Kahata Hai Badee Chook Huee,
Jaam Mein Thee May-E-Kausar Mujhe Maloom Na Tha !
अब तो ज़ाहिद भी ये कहता है बड़ी चूक हुई,
जाम में थी मय-ए-कौसर मुझे मालूम न था !
Jaam Mein Thee May-E-Kausar Mujhe Maloom Na Tha !
अब तो ज़ाहिद भी ये कहता है बड़ी चूक हुई,
जाम में थी मय-ए-कौसर मुझे मालूम न था !
Va Ho Rahee Hai May-Kada-E-Neem-Shab Kee Aankh
Angadaee Le Raha Hai Jahaan Dekhate Chalen !
वा हो रही है मय-कदा-ए-नीम-शब की आँख
अंगड़ाई ले रहा है जहाँ देखते चलें !
Angadaee Le Raha Hai Jahaan Dekhate Chalen !
-Makhdoom Mohiuddin
वा हो रही है मय-कदा-ए-नीम-शब की आँख
अंगड़ाई ले रहा है जहाँ देखते चलें !
-मख़दूम मुहिउद्दीन
Tumhari Aankhon Ki Tauheen Hai,
Zara Socho
Tumhara Chahne Wala Sharab Peeta Hai
तुम्हारी आँखों की तौहीन है,
ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
Zara Socho
Tumhara Chahne Wala Sharab Peeta Hai
तुम्हारी आँखों की तौहीन है,
ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
पी है शराब हर गली हर दुकान से,
एक दोस्ती सी हो गई है शराब के जाम से,
गुज़रे हैं हम इश्क़ में कुछ ऐसे मुकाम से,
की नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से.
Pee Hai Sharab Har Gali Har Dukhan Se,
Ek Dosti Si Ho Gayi Hai Sharab Ke Jaam Se,
Guzare Hai Ham Ishk Me Kuchh Yese Mukaam Se,
Ki Nafrat Si Ho Gayi Hai,
Muhabbat Ke Naam Se..
एक दोस्ती सी हो गई है शराब के जाम से,
गुज़रे हैं हम इश्क़ में कुछ ऐसे मुकाम से,
की नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से.
Pee Hai Sharab Har Gali Har Dukhan Se,
Ek Dosti Si Ho Gayi Hai Sharab Ke Jaam Se,
Guzare Hai Ham Ishk Me Kuchh Yese Mukaam Se,
Ki Nafrat Si Ho Gayi Hai,
Muhabbat Ke Naam Se..
नजर मिला के पिला..
शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए,
यह मुस्कराती हुई चीज मुस्करा के पिला,
सरूर चीज के मिकदार में नहीं मौकूफ,
शराब कम है साकी तो नजर मिला के पिला।
शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए,
यह मुस्कराती हुई चीज मुस्करा के पिला,
सरूर चीज के मिकदार में नहीं मौकूफ,
शराब कम है साकी तो नजर मिला के पिला।
~ अब्दुल हमीद अदम
Mayakhaane Aur Sharaab To Yoon Hee Badnam Hain Sakee
Nautankiyaan To Ye Zamane Bhar Ke Log Karate Hain.
मयखाने और शराब तो यूँ ही बदनाम हैं साकी
नौटंकियां तो ये ज़माने भर के लोग करते हैं।
Nautankiyaan To Ye Zamane Bhar Ke Log Karate Hain.
मयखाने और शराब तो यूँ ही बदनाम हैं साकी
नौटंकियां तो ये ज़माने भर के लोग करते हैं।
Ghalib Chhutee Sharab Par Ab Bhi Kabhi-Kabhi
Peeta Hoon Roz Abr Shabe-Mahtaab Mein..
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी-कभी
पीता हूँ रोज़ अब्र शबे-महताब में..
Peeta Hoon Roz Abr Shabe-Mahtaab Mein..
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी-कभी
पीता हूँ रोज़ अब्र शबे-महताब में..
Be Pie Hee Sharab Se Nafrat
Ye Jahalat Nahi To Aur Kya Hai..?
बे पिए ही शराब से नफ़रत
ये जहालत नही तो और क्या है..?
Ye Jahalat Nahi To Aur Kya Hai..?
-Sahir Ludhianvi
बे पिए ही शराब से नफ़रत
ये जहालत नही तो और क्या है..?
-साहिर लुधियानवी
Kisee Pyaale Se Poochha Hai Suraahee Ne Sabab May Ka,
Jo Khud Behosh Ho Vo Kya Bataye Hosh Kitana Hai !
किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का,
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है !
Jo Khud Behosh Ho Vo Kya Bataye Hosh Kitana Hai !
किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का,
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है !
प्यार से भी गहरा हैं शराब का नशा
इसे दर्द में पीने पर ही हैं,
असली मज़ा
Pyaar Se Bhi Gahra Hai Sharab Ka Nasha
Ise Dard Me Peene Par Hi Hai
Asali Maza..
इसे दर्द में पीने पर ही हैं,
असली मज़ा
Pyaar Se Bhi Gahra Hai Sharab Ka Nasha
Ise Dard Me Peene Par Hi Hai
Asali Maza..
Raat Hum Piye Huye The Magar,
Aap Ki Aankhein Bhi Sharabi Thi,
Fir Humare Kharab Hone Mein,
Aap Hi Kahiye Kya Kharabi Thi.
रात हम पिए हुए थे मगर,
आप की आँखें भी शराबी थीं,
फिर हमारे खराब होने में,
आप ही कहिये क्या खराबी थी।
Aap Ki Aankhein Bhi Sharabi Thi,
Fir Humare Kharab Hone Mein,
Aap Hi Kahiye Kya Kharabi Thi.
रात हम पिए हुए थे मगर,
आप की आँखें भी शराबी थीं,
फिर हमारे खराब होने में,
आप ही कहिये क्या खराबी थी।
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये..
Pura Ab Mera Ye Khwaab Ho Jaaye,
Likh Du Unake Dil Pe Kitaab Ho Jaaye.
Na Maykade Ki Jarurat Ho Na Maikhane Ki,
Agar Nazar Se Peela Do Sharab Ho Jaaye..
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये..
Pura Ab Mera Ye Khwaab Ho Jaaye,
Likh Du Unake Dil Pe Kitaab Ho Jaaye.
Na Maykade Ki Jarurat Ho Na Maikhane Ki,
Agar Nazar Se Peela Do Sharab Ho Jaaye..
May Barasatee Hai Phijaon Pe Nasha Taari Hai
Mere Saaki Ne Kahin Jam Uchhaale Honge!
मय बरसती है फिजा़अों पे नशा तारी है
मेरे साकी ने कहीं जाम उछाले होंगे!
Mere Saaki Ne Kahin Jam Uchhaale Honge!
मय बरसती है फिजा़अों पे नशा तारी है
मेरे साकी ने कहीं जाम उछाले होंगे!
Peene De Sharab Masjid Me Baithkar,
Ya Wo Jagah Bata Jahan Khuda Nahin.
पीने दे शराब मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ खुदा नहीं।
Ya Wo Jagah Bata Jahan Khuda Nahin.
पीने दे शराब मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ खुदा नहीं।
Zabaan Kahane Se Ruk Jae Vahee Dil Ka Hai Afsana,
Na Poochho May-Kashon Se Kyon Chhalak Jaata Hai Paimana !
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना,
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !
Na Poochho May-Kashon Se Kyon Chhalak Jaata Hai Paimana !
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना,
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं.
Unhi Ke Hisse Me Aati Hai Ye Pyaas Aksar,
Jo Dusaro Ko Peelakar Sharab Peete Hai.
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं.
Unhi Ke Hisse Me Aati Hai Ye Pyaas Aksar,
Jo Dusaro Ko Peelakar Sharab Peete Hai.
प्यार और शराब में छोटा सा फर्क हैं
लेकिन ये फर्क बहुत बड़ा हैं
प्यार दर्द देता हैं
शराब दर्द भुला देता हैं.
Pyar Aur Sharab Me Chhota Sa Fark Hai,
Lekin Ye Fark Bahut Bada Hai.
Pyaar Dard Deta Hai,
Sharab Dard Bhula Deta Hai..
लेकिन ये फर्क बहुत बड़ा हैं
प्यार दर्द देता हैं
शराब दर्द भुला देता हैं.
Pyar Aur Sharab Me Chhota Sa Fark Hai,
Lekin Ye Fark Bahut Bada Hai.
Pyaar Dard Deta Hai,
Sharab Dard Bhula Deta Hai..
Puchhiye Maikashon Se
Puchhiye Maikashon Se Lutf E Sharab,
Ye Mazaa Paakbaaz Kya Jaane.
पूछिये मैकशों से लुत्फ़ ए शराब,
ये मज़ा पाकबाज़ क्या जाने।
Puchhiye Maikashon Se Lutf E Sharab,
Ye Mazaa Paakbaaz Kya Jaane.
पूछिये मैकशों से लुत्फ़ ए शराब,
ये मज़ा पाकबाज़ क्या जाने।
Khud Hee Sarashaar-E-May-E-Ulphat Nahin Hona ‘Asar’,
Isase Bhar-Bhar Kar Dilon Ke Jaam Chhalakaana Bhee Hai !
खुद ही सरशार-ए-मय-ए-उल्फत नहीं होना ‘असर’,
इससे भर-भर कर दिलों के जाम छलकाना भी है !
Isase Bhar-Bhar Kar Dilon Ke Jaam Chhalakaana Bhee Hai !
-Asar Lakhnavi
खुद ही सरशार-ए-मय-ए-उल्फत नहीं होना ‘असर’,
इससे भर-भर कर दिलों के जाम छलकाना भी है !
-असर लखनवी
Meer In Neem Baaz Aankhon Mein
Saari Masti Sharab Ki Si Hai.
मीर इन नीम बाज आखों में
सारी मस्ती शराब की सी है।
Saari Masti Sharab Ki Si Hai.
मीर इन नीम बाज आखों में
सारी मस्ती शराब की सी है।
Kyon May-Kaday Mein Baith Kar Banate Ho Paarasa,
Nazarene Bata Raheen Hen Ke Neeyat Kharab Hai !
क्यों मय-कदय में बैठ कर बनते हो पारसा,
नज़रें बता रहीं हें के नीयत ख़राब है !
Nazarene Bata Raheen Hen Ke Neeyat Kharab Hai !
-Ameer Minai
क्यों मय-कदय में बैठ कर बनते हो पारसा,
नज़रें बता रहीं हें के नीयत ख़राब है !
-अमीर मिनाई
Rah Gaee Jaam Mein Angadaayaan Leke Sharaab,
Ham Se Maangee Na Gayi Unse Pilai Na Gayi !
रह गई जाम में अंगड़ायाँ लेके शराब,
हम से माँगी न गई उन से पिलाई न गई !
Ham Se Maangee Na Gayi Unse Pilai Na Gayi !
रह गई जाम में अंगड़ायाँ लेके शराब,
हम से माँगी न गई उन से पिलाई न गई !
Kabhee Mauqa Lage,
Kadave Do Ghoont Chakh Lena
Zara Tere Liye Sharab Chhod Aaye Hain.!
कभी मौक़ा लगे,
कड़वे दो घूँट चख लेना
ज़रा तेरे लिये शराब छोड़ आए हैं.!
Kadave Do Ghoont Chakh Lena
Zara Tere Liye Sharab Chhod Aaye Hain.!
कभी मौक़ा लगे,
कड़वे दो घूँट चख लेना
ज़रा तेरे लिये शराब छोड़ आए हैं.!
शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब
उस में फिर मिलाई जाये थोड़ी सी शराब
होगा यूँ नशा जो तैयार वो प्यार हैं
Us Me Fir Milayi Jaye Thodi Si Sharab
Hoga Yun Nasha Jo Taiyar Wo Pyaar Hai..
उस में फिर मिलाई जाये थोड़ी सी शराब
होगा यूँ नशा जो तैयार वो प्यार हैं
नीरज
Shokhiyo Me Ghola Jaye Phoolon Ka Shabab,Us Me Fir Milayi Jaye Thodi Si Sharab
Hoga Yun Nasha Jo Taiyar Wo Pyaar Hai..
Gazalen Ab Tak Sharab Peetee Thi..
Neem Ka Ras Pila Rahe Hain Ham….?
गज़लें अब तक शराब पीती थीं।।
नीम का रस पिला रहे हैं हम….?
Neem Ka Ras Pila Rahe Hain Ham….?
गज़लें अब तक शराब पीती थीं।।
नीम का रस पिला रहे हैं हम….?
Hokar Kharaab-E-May Tere Gam To Bhula Diye
Lekin Gham-E-Hayaat Ka Darmaa Na Kar Sake
होकर ख़राब-ए-मय तेरे ग़म तो भुला दिये
लेकिन ग़म-ए-हयात का दरमाँ न कर सके
Lekin Gham-E-Hayaat Ka Darmaa Na Kar Sake
~Saahir
होकर ख़राब-ए-मय तेरे ग़म तो भुला दिये
लेकिन ग़म-ए-हयात का दरमाँ न कर सके
~साहिर
Mujh Tak Kab Unki Bazm Mein Aata Tha Daur-E-Jaam
Saqi Ne Kuchh Mila Na Diya Ho Sharaab Mein.!
मुझ तक कब उनकी बज़्म में आता था दौर-ए-जाम
साक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में.!
Saqi Ne Kuchh Mila Na Diya Ho Sharaab Mein.!
मुझ तक कब उनकी बज़्म में आता था दौर-ए-जाम
साक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में.!
पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो चार
ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है
Piyu Sharab Agar Khum Bhi Dekh Lun Do Char
Ye Shisha-O-Kadah-O-Kuza-O-Subu Kya Hai.
ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है
ग़ालिब
Piyu Sharab Agar Khum Bhi Dekh Lun Do Char
Ye Shisha-O-Kadah-O-Kuza-O-Subu Kya Hai.
Ik Dhadakta Hua Dil,
Ek Chhalakata Hua Jaam,
Yahee Le Aate Hain Mayanosh Ko Maikhane Mein…
इक धड़कता हुआ दिल,
एक छलकता हुआ जाम,
यही ले आते हैं मयनोश को मयख़ाने में…
Ek Chhalakata Hua Jaam,
Yahee Le Aate Hain Mayanosh Ko Maikhane Mein…
इक धड़कता हुआ दिल,
एक छलकता हुआ जाम,
यही ले आते हैं मयनोश को मयख़ाने में…
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़'
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए
Aaye The Hansate Khelate May-Khane Me "Firak"
Jab Pee Chuke Sharab To Sanjida Ho Gaye.
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए
Aaye The Hansate Khelate May-Khane Me "Firak"
Jab Pee Chuke Sharab To Sanjida Ho Gaye.
शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूं,
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया.
Sharab Peene Se Kafir Hua Mai Kyu,
Kya Dedh Chullu Pani Me Imaan Bah Gaya.
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया.
Sharab Peene Se Kafir Hua Mai Kyu,
Kya Dedh Chullu Pani Me Imaan Bah Gaya.
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये,
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये..
Pura Ab Mera Ye Khwaab Ho Jaaye,
Likh Du Unake Dil Pe Kitab Ho Jaaye.
Na Maykade Ki Jarurat Ho Naa Maikhane Ki,
Agar Nazar Se Peela Do Sharab Ho Jaaye..
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये,
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की,
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये..
Pura Ab Mera Ye Khwaab Ho Jaaye,
Likh Du Unake Dil Pe Kitab Ho Jaaye.
Na Maykade Ki Jarurat Ho Naa Maikhane Ki,
Agar Nazar Se Peela Do Sharab Ho Jaaye..
Dena Vo Usaka Saagar Va May Yaad Hai Nijaam
Muh Pher Kar Udhar Ko Idhar Ko Badha Ke Haath.
देना वो उसका सागर व मय याद है निजाम
मुह फेर कर उधर को इधर को बढा के हाथ।
Muh Pher Kar Udhar Ko Idhar Ko Badha Ke Haath.
देना वो उसका सागर व मय याद है निजाम
मुह फेर कर उधर को इधर को बढा के हाथ।
Tamaam Raaten Gujar Gayeen Mayakhaane Mein Peete-Peete
Magar Afasos
Na Botal Khatm Huyee,
Na Kissa Khatm Hua
Aur Na Hee Tere Dard Ka Vo Hissa Khatm Hua.
तमाम रातें गुजर गयीं मयखाने में पीते-पीते
मगर अफ़सोस
न बोतल ख़त्म हुयी,
न किस्सा ख़त्म हुआ
और न ही तेरे दर्द का वो हिस्सा ख़त्म हुआ।
Magar Afasos
Na Botal Khatm Huyee,
Na Kissa Khatm Hua
Aur Na Hee Tere Dard Ka Vo Hissa Khatm Hua.
तमाम रातें गुजर गयीं मयखाने में पीते-पीते
मगर अफ़सोस
न बोतल ख़त्म हुयी,
न किस्सा ख़त्म हुआ
और न ही तेरे दर्द का वो हिस्सा ख़त्म हुआ।
Ghalib Chhuti Sharab Par Ab Bhi Kabhi Kabhi
Peeta Hoon Roz-E-Abr-O-Shab-E-Mahtab Mein
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी कभी
पीता हूँ रोज़-ए-अब्र-ओ-शब-ए-माहताब में
Peeta Hoon Roz-E-Abr-O-Shab-E-Mahtab Mein
~Ghalib
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी कभी
पीता हूँ रोज़-ए-अब्र-ओ-शब-ए-माहताब में
~ग़ालिब
May-Khana-E-Hasti Mein May-Kash Vahee May-Kash Hai,
Sanbhale To Bahak Jae Bahake To Sanbhal Jae !
मय-ख़ाना-ए-हस्ती में मय-कश वही मय-कश है,
सँभले तो बहक जाए बहके तो सँभल जाए !
Sanbhale To Bahak Jae Bahake To Sanbhal Jae !
मय-ख़ाना-ए-हस्ती में मय-कश वही मय-कश है,
सँभले तो बहक जाए बहके तो सँभल जाए !
Agale Vakton Hain Ye Log Inhen Kuchh Na Kaho
Jo May Vo Nagamen Ko Anadohe Rooba Kahate Hain.
अगले वक्तों हैं ये लोग इन्हें कुछ न कहो
जो मय वो नगमें को अनदोहे रूबा कहते हैं।
Jo May Vo Nagamen Ko Anadohe Rooba Kahate Hain.
~Ghalib
अगले वक्तों हैं ये लोग इन्हें कुछ न कहो
जो मय वो नगमें को अनदोहे रूबा कहते हैं।
~Ghalib
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं.
Teri Ankhon Ke Ye Jo Pyaale Hai,
Meri Andheri Raato Ke Ujaale Hai.
Peeta Hun Jaam Par Jaam Tere Naam Ka,
Ham To Sharabi Be-Sharab Wale..
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं.
Teri Ankhon Ke Ye Jo Pyaale Hai,
Meri Andheri Raato Ke Ujaale Hai.
Peeta Hun Jaam Par Jaam Tere Naam Ka,
Ham To Sharabi Be-Sharab Wale..
Raaz-E-Takhleeq-E-Ghazal Hum Ko Hai Maloom ‘Naseem’
Jaam Ho May Ho Sanam Ho To Ghazal Hoti Hai
राज़-ए-तख़लीक-ए-ग़ज़ल हम को है मालूम ‘नसीम’
जाम हो मय हो सनम हो तो ग़ज़ल होती है
Jaam Ho May Ho Sanam Ho To Ghazal Hoti Hai
~Naseem Shahjahanpuri
राज़-ए-तख़लीक-ए-ग़ज़ल हम को है मालूम ‘नसीम’
जाम हो मय हो सनम हो तो ग़ज़ल होती है
~नसीम शाहजहाँपुरी
आमाल मुझे अपने उस वक़्त नज़र आए
जिस वक़्त मेरा बेटा घर पी के शराब आया.
Aamaal Mujhe Apne Us Waqt Nazar Aaye
Jis Waqt Mera Beta Ghar Pee Ke Sharab Aaya.
जिस वक़्त मेरा बेटा घर पी के शराब आया.
Aamaal Mujhe Apne Us Waqt Nazar Aaye
Jis Waqt Mera Beta Ghar Pee Ke Sharab Aaya.
अब क्या बताऊँ तुझको कि,
तेरे जाने के बाद इस दिल पर क्या-क्या बीती है,
अब तो हम शराब को और शराब हमको पीती है
Ab Kya Bataun Tujhko Ki,
Tere Jaane Ke Baad Is Dil Par Kya-Kya Biti,
Ab To Ham Sharab Ko Aur Sharab Hamako Peeti Hai.
तेरे जाने के बाद इस दिल पर क्या-क्या बीती है,
अब तो हम शराब को और शराब हमको पीती है
Ab Kya Bataun Tujhko Ki,
Tere Jaane Ke Baad Is Dil Par Kya-Kya Biti,
Ab To Ham Sharab Ko Aur Sharab Hamako Peeti Hai.
हमने पूछा कैसे,
वो चले गए
हाथों मे जाम देकर
वो चले गए
हाथों मे जाम देकर
हर किसी बात का जवाब नहीं होता
हर जाम इश्क में ख़राब नहीं होता
यूँ तो झूम लेते है नशे में रहने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता..
Har Kisi Baat Ka Jawaab Nahi Hota,
Har Jaam Ishq Me Kharab Nahi Hota
Yun To Jhum Lete Hain Nashe Me Rahane Wale
Magar Har Nashe Ka Naam Sharab Nahi Hota..
हर जाम इश्क में ख़राब नहीं होता
यूँ तो झूम लेते है नशे में रहने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता..
Har Kisi Baat Ka Jawaab Nahi Hota,
Har Jaam Ishq Me Kharab Nahi Hota
Yun To Jhum Lete Hain Nashe Me Rahane Wale
Magar Har Nashe Ka Naam Sharab Nahi Hota..
Thoda Gam Mila To Ghabra Ke Pee Gaye,
Thodi Khushi Mili To Mila Ke Pee Gaye,
Yu To Na Thi Hume Ye Peene Ki Aadat,
Sharab Ko Tanha Dekh Taras Kha Ke Pee Gaye.
थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,
थोड़ी खुशी मिली तो मिला के पी गए,
यूँ तो न थी हमें ये पीने की आदत,
शराब को तन्हा देख तरस खा के पी गए।
Thodi Khushi Mili To Mila Ke Pee Gaye,
Yu To Na Thi Hume Ye Peene Ki Aadat,
Sharab Ko Tanha Dekh Taras Kha Ke Pee Gaye.
थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,
थोड़ी खुशी मिली तो मिला के पी गए,
यूँ तो न थी हमें ये पीने की आदत,
शराब को तन्हा देख तरस खा के पी गए।