जिससे भी आप प्रेम करते हैं - Jisase Bhi Aap Prem Karate Hain | Krishna Vani - कृष्ण वाणी


जिससे भी आप प्रेम करते हैं, 
आप उसे स्वतंत्र छोड़ दीजिए।।

क्यूंकि स्वंतत्रता ही वो भाव है , 
जो व्यक्ति को सबसे अधिक प्रिय है।।

प्रेम यदि सच्चा होगा, 
तो उसे अवश्य समझ में आएगा।। 

तब तक के लिए निस्वार्थ भाव से 
प्रेम करते जाइए ।।

Jisase Bhee Aap Prem Karate Hain, 
Aap Use Svatantr Chhod Deejie.. 

Kyon Ki Swatantrata Hee Vo Bhav Hai , 
Jo Vyakti Ko Sabase Adhik Priy Hai..

Prem Yadi Sachcha Hoga, 
to Use Avashy Samajh Mein Aaega.. 

Tab Tak Ke Liye Niswarth Bhav Se 
Prem Karte Jaie ..