राहत इन्दौरी ग़ज़ल | Famous Rahat Indori Ghazal In Hindi Font | Rahat Indori Ki Ghazal In Hindi
राहत इंदोरी (जन्म 1 जनवरी 1950) एक भारतीय बॉलीवुड गीतकार और उर्दू भाषा के कवि हैं। वह उर्दू भाषा के पूर्व प्रोफेसर और चित्रकार भी हैं। इससे पहले, वह इंदौर विश्वविद्यालय में उर्दू साहित्य के एक साहित्यकार थे। राहत को 1985 में मध्यप्रदेश के भोज विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि मिली थी, जिसका शीर्षक उर्दू मुख्य मुशायरा था।
राहत इन्दौरी ग़ज़ल
जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है
वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है
मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ
मेरी नज़र में वो पत्थर भी है खुदा भी है
सवाल नींद का होता तो कोई बात ना थी
हमारे सामने ख्वाबों का मसअला भी है
जवाब दे ना सका, और बन गया दुश्मन
सवाल था, के तेरे घर में आईना भी है
ज़रूर वो मेरे बारे में राय दे लेकिन
ये पूछ लेना कभी मुझसे वो मिला भी है