भीड़ कविता | भीड़ कविता कोश | Bheed Kavita in Hindi
Bheed Kavita in Hindi
भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता है
उसके बस नाखून होते हैं
उसके बस दांत होते हैं
नुकीले
बहुत नुकीले
भेड़िए जैसे
नहीं
शायद
भेड़िए से भी भयानक
जो सिर्फ खरोंच नहीं मारते
खूनमखून ही नहीं करते
आपको कच्चा चबा जाते हैं
सावधान
भेड़ियों की भीड़
शहर में घुस आई है