जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता | कुमार विश्वास कविता लिरिक्स
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
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