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Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 4

August 25, 2022

Best 2 Lines Shayari in Hindi


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तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वहीँ से शुरू होती है जिंदगी हमारी,

नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी.



दो लाइन के शेर

“दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नहीँ…



“अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,
सुख – दुःख का एहसास हैं जिंदगी,

फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी.”



Teri Bewafai Ke Shikwe Ab Kis Se Karoon.?
Yahan To Ab Bhi Har Koi Tujhe Mera Samajhta Hain….



अगर बेवफाओ की अलग बस्ती होती साहब….
मेरी महबूबा ही वहां की मल्लिका होती….



मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना,
क्युंकी
मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओग..



चप्पल घिस गइ चलते चलते पाँव मे पड़ गये छाले
कितना मुझे आजमायेगी मँजिल ,
अब तो पास आले



फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में;
फर्क होता है किस्मत और लकीर में;


अगर कुछ चाहो और ना मिले;
तो समझ लेना कि कुछ और
अच्छा लिखा है तक़दीर में।



Hum Jitna Aaj Usse Chahte Hain Kal Bhi Utna Hi Chahenge..
Wo Toh Pagal Hai Jo Roz Rooth Jata Hai Hume Aazmaane K Liye.!




एक अजीब फ़िक्र खा रही है मुझे,
अपनी ही आवाज़ आ रही है मुझे….



इक ज़ख़्मी परिन्दे की तरह जाल में हम हैं,
ऐ इश्क़ अभी तक तेरे जंजाल में हम हैं”



अनकहे शब्दों के बोझ से
थक जाता हूँ कभी..

ना जाने खामोश रहना
समझदारी है या मजबूरी?



पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई,
बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया..



महसूस हो रहीँ है हवा मे उसकी खुशबु ,
लगता है मेरी याद मेँ वो सांसे ले रही है..



ये बद्दुआयें अपने पास ही रखो साहब,

मुझे मुहब्बत है,
खुद ही मर जाऊँगा !



Har Aankh Yahan Yun To Bahut Roti He,
Har Boond Magar Ashk Nahi Hoti He,

Par Dekh K Ro De Jo Zamaane Ka Gam,
Us Aankh Se Aansu Jo Gire Moti He…



Tere Hote Huye Bhi Tanhai Mili Hai,
Wafa Karke Bhi Dekho Buraai Mili Hai,

Jitni Dua Ki Tumhe Pane Ki,
Us Se Jayada Teri Judai Mili Hai…


“Teri Yaad Kuch Is Trha Mere “Dil” Se Lipti Hai
K Jaise “Phool” Pr Ksi Titli Ko “Neend” Aa Jaye..



एक बेटी का कहना……
मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं,

क्योंकि पापा तो सिर्फ खिलोने लाते हैं,

लेकिन शाम….
शाम तो पापा को लाती हैं….



तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला,
न मंतर,
न पूजा,
न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत….



हर रात को तुम इतना याद आते हो के हम भूल गए हैं,

के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए!



अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना ।
लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते है.



कीसीका दिल दुखा कर जब भी दो पैसे
कमाता हु,

मुझे खुद रोटीओ से खुन की बू आने लगती है.



सोचता हूं क्या उसे नींद आती होगी..
या मेरी तरह सिर्फ अश्क बहाती होगी..

वो मेरी शक्ल मेरा नाम भुलाने वाली..
अपनी तस्वीर से क्या आंख मिलाती होगी…..



Mushkil To Ye Hai K Usse Meri Muhabat Ka Yaqeen Hi Nahi,
Aur Hum Bhi Majboor Hain K Dil Nikal K Dikha Nahi Sakte !



अपनों की चाहतों में मिलावट थी इस कदर की……………..
मै तंग आकर दुश्मनों को मनाने चला गया…



रोज़ वो ख़्वाबों में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…



कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर सामने तो रहो…..

तुम अपने गुरूर में खुश,
और हम अपने सुरूर में खुश !



Saaf Keh Do Agar Gila Hai Koi..
Faislaa…Faaslon Sey Behtar Hota Hai..



मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना…
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ…तो महसूस कर…



मैं ऊँचे लोगों की ऊँचाइयों से वाकिफ हूँ…
बड़ा मुश्किल है इस दुनिया में ऊँचा रहकर ऊँचा होना !



दिल से बाहर निकलने का रास्ता तक ना ढूंढ सकी वो,
दावा करती थी जो मेरी रग रग से वाकिफ होने का..



परखना मत,
परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता



“सुना था दर्द का अहसास तो चाहने वालो को होता है……
लेकिन जब दर्द ही चाहने वाले दे तो एहसास कौन करेगा……….”



गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया,
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया…



Wo Dard Hi Kya Jo Aankhon Se Beh Jaye,
Wo Khushi Hi Kya Jo Hothon Pe Reh Jaye,

Kabhi To Samjho Khamoshi Hamari,
Wo Baat Hi Kya Jo Assani Se Alfaaz Ban Jaye..



ए नसीब ज़रा एक बात तो बता…
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!



Beti Ko Chand Jaisi Mat Banao Ki Har Koi Ghur Ghur K Dekhe…
Pr
Beti Ko Suraj Jaisi Banao Taki Ghur Ne Se Pahele Sab Ki Nazar Juk Jaye…



हराकर कोई जान भी ले ले,
मुझे मंजुर है,
..
पर…….
धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता!



ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी………..



चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,
दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।



अब के गुलशन मे अजब तब्दीलियाँ आने लगी,
तितलियाँ काग़ज़ के फूलों पे भी मंडराने लगी….!



ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता हैं,
ना किताबें बोल पाती हैं,

मेरे दर्द के दो ही गवाह थे,
दोनों ही बेजुबां निकले…



अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की,

उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से
डरता हूँ…



लोग कहते हैं कि
मेरा दिल पत्थर का है..

लेकिन कुछ लोग
ऐसे भी थे..

जो इसे भी तोड़ गए..



Kaise Dikhau Use Mai Apna Dard Ae Mohabbat,
Kabhi Aansu Sukh Jate Hai Kabhi Alfaz Kam Pad Jate Hai…



अभी तो धुप निकलने के बाद सोया है,
सारी रात तुजे याद कर कर के रोया है.



ज़िन्दगी देके भी नहीं चुकते
ज़िन्दगी के जो क़र्ज़ देने हों…!



बेमतलब की जिंदगी का अब सिलसिला ख़त्म …
अब जिस तरह की दुनियां ,
उस तरह के हम…



लत तुम्हारी लगी थी….
इलज़ाम..
शराब पर आया….



सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको


जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको



हमारे होसलो की दाद दुनिया को आँधिया देंगी।
अभी इज्ज़त से हमारा नाम तूफान लेता है।



रफतार मेरी जिंदगी की तब रूक जाती है…
जब सामने आकर नजर तेरी जुक जाती हे…



Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main…!
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!



मेरा यही अंदाज़ इस ज़माने को खलता है…
की ये साला इतनी पीने के बाद भी,
सीधा कैसे चलता है………!



ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो दर्द की शिद्दत…!

“दर्द तो दर्द” होता है थोड़ा क्या,
ज्यादा क्या…



उसका हँसकर नज़र झुका लेना,
सारी शर्ते कुबूल हो जैसे L



तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे,
खुदा भी माँगे ये दिल तो टाल देंगे,

अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे.



मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है ,
जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायेगी ”



देना है ये दिल किसी को दान में यारो;
है कोई मस्त माल ध्यान में तो बताओ यारो…!



मौत शायद इसी को कहते है………
दिल अब किसी कि ख्वाहिश नहीं करता..



Dekhi Hotho Ki Hasi Zakham Na Dekhe Dil Ka,
Aap Bhi Oron Ki Tarha Kha Gae Dhokha Kese!



“गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है…दोस्तो…!
अगर ऐसा होता तो आज “नमक” जख्मो की दवा होता…..



Mirror Is Best Love,
Why? Tum Use Dekh Kar Hasonge,
Wo Bhi Hasenga,
Royege To Wo Bhi Royenga,
Par Tum Use Maroge,
Wo Nahi Marega,
Wo Tut Jayega.{Thats Love}



Mohabbat Aur Maut Dono Ki Pasand Bhi Ajeeb Hai:
Ek Ko Dil Chahiye:
Aur Dusre Ko Dhadkan!



छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..



मुस्कुराना तो मेरी सक्शियत का हिस्सा है दोस्तो….
तुम मुझे खुश समझ कर दुवाओं में भूल मत जाना ….



Tum Hi Nay Sawaar Kiya Tha Muhabat Ki Kashti Par ………
Ab Nazrain Na Churao Mujhe Doobta Bhe Dekho…



रोज देते हो दिन रात मुझको,
इस क़दर ग़म कहाँ से लाते हो..



“उस पगली को क्या पता जिस मंदिर मे वो मेरी मौत की दुआ करती है,
उस मंदिर मे हमने अपनी जान गिरवी रखी है उसे पाने के लिए ….!



‘सब्र’ और ‘सच्चाई’ एक ऐसी सवारी है…..
जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती…..

ना किसी के कदमो में…और
ना किसी की नज़रों में..



Jis Key Naseeb Mein Hon Zamaney Ki Thokar’Ein…!
Us Bad-Naseeb Sey Na Sahar’On Ki Baat Ker…



रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने,
पर इश्क मे पागल थे आंसू खुदखुशी करते रहे!



याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना ..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..



Kiski Samjhu Keemat Ae Khuda Tere Is Jahaan Mein …
Tu Mitti Se Insaan Banata Hai
Aur
Insaan Mitti Se Tujhe..



गुजर तो जायेगी जिन्दगी उसके बगैर भी
लेकिन तरसता रहेगा दिल प्यार करने वालो को देखकर….”



मुकाम ऐ महोब्बत तूने समझा ही नहीं…
वरना जहाँ तक था तेरा साथ,
वही तक थी ज़िंदगी मेरी..



आज फिर निकली है वो बे-नक़ाब शहर मे दोस्तों…
आज फिर भीड़ होगी कफ़न की दुकान में…..



सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा,
इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा,

यूँ तो गुफ्तगू बहुत हुई उनसे मेरी,
सिलसिला कभी ये प्यार तक नही पहुंचा,

जाने कैसे वाकिफ़ हो गया तमाम शहर,
दास्ताने-इश्क वैसे “अखबार” तक नही पहुंचा,

शर्तें एक दूसरे की मंज़ूर थी यूँ तो,
पर मसौदा हमारा कभी “करार” तक नही पहुंचा,

गहराई दोस्ती की मैं नापता भी कैसे,
रिश्ता हमारा कभी “तकरार” तक नही पहुंचा,



Terre Samne Zindagi Padi Hai Guzarne Ke Liye,
Main To Likh Kar Mitaya Hua Ek Naam Hoon…



जिन्दगी जला दी हमने जब जलानी थी.
अब धुएँ पर तमाशा क्यों
और राख पर बहस कैसी!



E Khuda Suna Hai K Duva Kubul Karne Ka Tera Ek Waqt Hota Hai,
Ab Tu Hi Bata Meine Usse Kis Waqt Nahi Maanga!!!



“सोने के जेवर और
हमारे तेवर लोगों को अक्सर बहोत महंगे पडते है।”



“मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है…
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए…”



भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो,

अचानक दोस्त
कम हो गए…



कितनी ही खूबसूरत क्यों न हो तुम पर मैं जानता हूँ
असली निखार मेरी तारीफ से ही आता है…



“इंतज़ार है मुझे नफ़रत करने वाले कुछ नए
लोगो का…
पुराने नफ़रत करने वाले तो अब मुझे पसंद करने लगे है..



उस शख्स से बस इतना ताल्लुक है मेरा…
वो परेशान हो तो मुझे नींद नहीं आती ।।



मैने ही दुआ मांगी उसकी खुशी की खातिर !
वो मेरे बिना आज खुश है तो फिर ये जलन कैसी !



अब जब जलेबी की तरह उलझ ही गयी है जिंदगी……
तो क्यों ना चाशनी में डूब के मज़ा ले लिया जाये।!



उस रात से हम ने सोना ही छोड़ दिया
‘यारो’
जिस रात उस ने कहा के सुबह आंख खुलते ही मुझे भूल जाना ।



खतरा है इस दौर में,
बुजदिलों से दिलेर को,

धोखे से काट लेते हैं ”कुत्ते” भी ”शेर” को..



Badi Haseen Thi Zindagi 
Jab Na Kisi Se Mohabbat 
Na Kisi Se Nafrat Thi,

Zindgi Me Ek Mod Aisa Aaya 

Mohabbat Ek Se Hui Or 
Nafrat Sari Dunia Se Ho Gayi…



चुप रह कर,
जो करते थे,
हम गुफ्तगू,

हमारा,
खामोश इश्क़,
मशहूर अब भी हैं !



वो एक मौका तो दे हमें बात करने का…
वादा है उन्हें भी रुला देंगे उन्हीं के
सितम सुना-सुना कर¡¡



“इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,

सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए,
प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए,

बात कोई भी हो,
पर नाम उसी का आए.”



आज भी ये बात हम समझ ही नहीं पाते हैं !
मुट्ठी जितने दिल में कैसे ज़माने के गम समाते हैं ?



कमबख्त इस दिल को हारने की आदत हो गयी है!
वरना हमने जहाँ भी दिमाग लगाया फ़तेह ही पाई है!



सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से;
इक रोज़ तुम्हे मांग के देखेंगे खुदा से।



Hamari Be-Khudi Ka Haal Wo Poochhe Ager,
To Kehna Hoosh Bas Itna Hai Ke Tum Ko Yaad Karte Hain…!



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Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 3

August 25, 2022

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Intzar Ki Aarzu Ab Kho Gyi Hai. 
Khamoshiyo Ki Aadat Ho Gyi Hai. 

Na Sikwa Rha Na Shikayt Kisi Se,
Agar He To Ek Mohbbat,
Jo In Tanhayion Se Ho Gayi Hai.


Ye Zindagi Swaal Thi,
Jawaab Maagne Lage,

Farishte Aake Khwaab Me Hisaab Maagne Lage.
Idhar Kiya Karam Kisi Pe Aur Udhar Jataane Lage
Namaaz Padh Ke Aaye Aur Saraab Maagne Lage.


Unki Laaparwaahi Ka Kya Karein
Gila...

Chalo Aaj Phir Hum Hi Unhein Yaad Kar Lete Hain Hamesha Ki
Tarah……..


किस्मत की एक ही आदत है,
कि वो पलटती है,

और जब पलटती है,
तब पलटकर रख देती है….


भले थे तो किसी ने हाल त़क नहींपूछा,
बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चरचे हैं


Dil Ki Qeemat To Muhabbat K Siwa Kuch Na Thi….
Jitne Bhi Mile Surat K Khareedar Mile…


आज़माते हैं लोग सब्र मेरा
बार-बार कर के जिक्र तेरा…


Har Taraf Raah Main Thay Kaanty Bichay Huay…
Mujh Ko Teri Talab Thi,
Guzarte Chale Gaye…


Sirf Do Shakhas Zindgi M Khus Rhete H
Ek Vo Jise Sacchhi Mahobbat Mil Jaye
Dusra Vo Jose Kabhi Kisise Mahobbat Hi Na Ho


इज़ाज़त हो तो कुछ अर्ज़ करूँ ??
खेल चुके हो तो दिल वापस कर दो…


मुझे गम है तोह बस इतना गम है,
की…
तेरी दुनिया मेरे ख्वाबों से कम है..


साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब..
और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती..


क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे…
और तुम गले लगा के कहो,
‘और कुछ?


उसने रात के अँधेरे में मेरी हथेली पे 
नाजुक सी ऊँगली से लिखा……

” मुझे प्यार है तुझसे ”

जाने कैसी स्याही थी ??? 

वो लफ्ज मिटे भी नही… 

और आज तक दिखे भी नही ………



1 ख़ुशी दिल ने क्या माँग ली मेरी हर ख़ुशी को नज़र लग गयी ……

1 Khushi Dil Ne Kya Maang Li Meri Har Khushi Ko Nazar Lag Gayi ……


अब कोई खास फर्क नही पडता ख्वाहिशे अधूरी रहने पर…..
क्योंकि हमने बहुत करीब से देखा हे अपने अजीज सपनों को तुटते हुऐ…..


किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,

दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है..


तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की…
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझनेलगे…


Terey Pyaar Ki Hifazat Kuch Isssss Tarha Se Ki Maine…!
Ki . . 

Jab Kbhi Kisi Ne Pyar Se Dekha Toh Nazrain Jhuka Lien Maine..


“रहे सलामत जिंदगी उनकी,
जो मेरी खुशी की फरियाद करते है.


ऐ खुदा उनकी जिंदगी खुशियों से भरदे,
जो मुझे याद करने में अपना एक पल बर्बाद करते है…..


मुकद्दर मे रात की नींद मुनासिब नहीं तो क्या हुआ,
हम भी मुकद्दर को धोखा दे कर दिन मे सो जाते है.


Meri Dehleez Par Aa Ruki Hai Mohabbat Ab Kya Karoon Tu Hi Bata Aye Mere Khuda…
Mehmaan Nawazi Ka Shoq Bhi Hai Aur Ujad Jane Ka Khauf Bhi…..


मेरी दहलीज पर आ रुकी है मोहब्बत अब क्या करूँ तू ही बता ए मेरे खुदा…
मेहमान नवाजी का शौक भी है और उजड़ जाने का खौफ भी…..


कुछ तो धड़कता है ,
रूक रूक कर मेरे सीने में ..

अब खुदा ही जाने,
तेरी याद है या मेरा दिल …


रिश्ते अगर बढ़ जाये हद से तो ग़म मिलते है…
इसलिए आजकल हम हर शख्स से कम मिलते है…


पूछा था हाल उन्हॊने बड़ी मुद्दतों के बाद…
कुछ गिर गया है आँख में…

कह कर हम रो पड़े…..


ख़्वाबों को तो अक्सर हकीकत की ज़मीन पर ही रक्खा है,
ये बदबख्त अरमान चले गए आसमानों की दहलीज़ परे !


सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है


ज़िन्दगी में अपना पन तो हर कोई दिखाता हे,
पर…अपना हे कौन…यह वक़्त बताता हे…


Woh Mujhse Door Hokar Khush Hein Toh Khush Hi Rehne Do;
Mujhe Apni Chahat Se Zyada,
Unki Muskrahat Pasand Hai!


“हम तो बस लिख देते हैं जहन में आ जाता है
जो,

जुड़ जाता है आपके दिल से तो बस इत्तेफाक
समझिये…!


दिल टूटा तो,
एक आवाज आई,
चीर के देखा,
तो कुछ चीज निकल आई !

सोचा क्या होगा,
इस खाली दिल में ,
लहू से धो कर देखा,
तो तेरी तस्वीर नज़र आई !


ज़रा संभल कर लगाना डुबकी
प्यार के सागर में ,
ऐ दोस्त !

वो किस्मत वाले होते हैं
जिन्हें साहिल मिला करता हे….


Kyun Kisi Se Itna Pyar Ho Jata Hai,
Ek Din Jeena Bhi Dushwaar Ho Jata Hai. 


Lagne Lagte Hain Apne Bhi Paraye,
Aur Ek Ajnabi Par Itna Aitbaar Ho Jata He.


न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है …!

ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही,
बस टूट-टूट कर बिखरने की हिम्मत नहीं रही…


खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी
इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो…..


हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे
के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए |


Meri Haisiyat Ka Andaza Ye Soch Ke Laga Lo…..
Hum Uske Nahi Hote Jo Har Kisi Ke Ho Jate Hain….!


जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ,
किस्मत की रोटी तो कुत्तेको भी नसीब होती है..


सागर के किनारो पे खजाने नहीं आते।
पल जो फीसल गये हाथ से वो दुबारा नहीं आते।


कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से ,
हमें आवाज दे देना,
हम अकसर अकेले होते हें !


मुझे तो इन्साफ़ चािहये…बस…
िदल मैरा हे….

तो मािलक तुम कैसे!


मयखाने सजे थे,
जाम का था दौर…


जाम में क्या था,

ये किसने किया गौर…

जाम में “गम” था मेरे अरमानो का…
और सब कह रहे थे एक और एक और…


जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है..


होता अगर मुमकिन तुझे साँस बना कर रखते सीने में….!

तू रुक जाये तो मैं नही,
मैं मर जाऊ तो तू नही….!


चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये…
अब मजा देने लगी हैं जिदगी की मुश्किलें…!


Armaano Ki Ginti To Mujhe Nahi Aati,
Par Dil Ka Ek Khayal Apse Kah Du,

Agar Pani Ki Har 1 Boond Pyar Ban Jaye,
To Tohfe Me Apko Saara Samander De Du…


आइना तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरहा!
तुझे भी बदल देते है ये लोग तोड़ने के बाद…..


एक सफ़र ऐसा भी किआ हमने दोस्तों,
जिस में पावँ नहीं दिल थक गया !


Dil-E-Tabah Ko Zakhmon Ki Kuch Kami To Nhi,
Magar Hy Dil Ki Tamanna K Tum Phir Se Waar Karo..


हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता,
जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता.!


हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,

फिर वही शायरी,
फिर वही इश्क,
फिर वही तुम.


तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी​;
जा कर पूछ मेरी माँ से कितने लाडले थे हम…


दिल में इंतजार की लकीर छोड जायेगे॥
आँखों में यादो की नमी छोड जायेगे,

ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ……..
जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोड जायेगे.


होसला उसमे भी न था यु मुझसे जुदा होने का,
वर्ना काजल उसकी आखो में यु ना फेला होता.


साथी तो मुझे सुख में चाहिए…..
दुःख में तो मै अकेलI ही काफी हूँ………!


झूठ अगर यह है कि तुम मेरे हो,
तो यकीन मानो,

मेरे लिए सच कोई मायने नहीं रखता…..


किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता ..


जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…


वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में…


Lajjat Thi Kabhi,
Ab To Musibat Si Ho Gai Hei,

Mujko Gunaah Karne Ki Aadat Si Ho Gai Hei..


“लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,

आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं.”


ज़ुल्म इतना ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा…!
हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!


यारा होंठों पे लिये हुए दिल की बात ,
याद करता हूँ तुझे मैं सारी सारी रात….


किसी को खुश करने का मौका मिले 
तो खुदगर्ज ना बन जाना ऐ दोस्त,

बड़े नसीब वाले होते है वो,
जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…..


अब भी चले आते हैं,
ख्यालों में वो,

रोज़ लगती है हाज़री,
उस ग़ैर हाज़िर की !


जिधर देखो,
उधर मिल जायेंगे,
अखबार नफरत के
बहुत दिन से,
मोहब्बत का न देखा,
एक खत यारो !


वो एक रात जला तो उसे चिराग कह दिया !
हम बरसो से जल रहे हैं कोई तो खिताब दो……


किसी ने मुझसे पूछा
वादें और यादें में क्या अन्तर है … 
मैंने सिर्फ इतना कहा ….
 वादें इन्सान तोड़ता है और यादें इन्सान
को तोड़ती हैं …


फर्क बस अपनी अपनीसोच का है….
वर्ना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती….!


Mohabbat Ke Ab Silsiley Khatam,
Ab Jis Tarah Ki Duniya,
Ussi Tarah Ke Hum…


ईलाका कीसी का भी हो !
पर घमाका हमारा ही होगा !


Guroor To Hona Tha Unko Hamari Mohabbat Ki Shiddat Dekh Kar
Magar Woh Apni Qadar Ki Soch Me,
Hamari Qeemat Hi Bhool Gaye….


जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को खुलकर जी लिया,

वही दिन आपका है,
बाकि तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं।


Tu Hasi Chand Kisi Aur Ka Sahi
Par Tu Mere Andhere Ki Roshni He…


जिस जिस को भी सुनाते है हम अपना अफसाना ए उल्फत।
हर शख्स अपनी आपबीती समझ कर रोने लगता है।।


Ek Raat Dhadkan Ne Aankh Se Pucha.Tu Dosti Me Itni Kyu Khoi Hai?
Tab Dil Se Awaj Aayi Doston Ne Hi Saari Khusiyan Di Hai,

Warna Pyar Krk Toh Ankh Royi Hai..


इस शहर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो ,
तुम जहर कि शीशी में दवा ढूँढ रहे हो..


समेट कर ले जाओ आप अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में आपको फिर इनकी जरुरत पड़ेगी !


ए इश्क…मुझको कुछ और जख्म चाहियें…!
अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही…!


ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल्लगी से,
देख कर मेरी चाहत को अक्सर तराजू टूट जाते हैं ।


” ज़िंदगी ने सब कुछ ले-दे कर इक यही बात सिखायी है…,
ख़ाली जेबों में अकसर हौसले खनकते हैं…”


Su Karu Fariyad Tane Ke
Fariyaad Maaj Fari Yaad Chhe


Fari Fari Ne Yaad Tari
Ej Mari Fariyad Chhe..


चाहिए जो वो चीज़ ही कम है,
ग़म ज़ियादा है और खुशी कम है…


प्रभू को भी पसंद नहीं सख्ती बयान में…
इसी लिए हड्डी नहीं दी,
जबाऩ में..


“सफर में मुश्किलें आऐ,
तो हिम्मत और बढ़ती है,

कोई अगर रास्ता रोके,
तो जुर्रत और बढ़ती है,

अगर बिकने पे आ जाओ,
तो घट जाते है दाम अक्सर


ना बिकने का इरादा हो तो,
कीमत और बढ़ती है…


मेरे यार,

तू ही मेरी ज़िन्दगी है,
तू ही मेरी जान है ,

मुझको तू मिल जाये मेरा यही एक अरमान है …..


मौसम नहि जो पल मे बदल जाऊ
जमीन से कहि दूर निकल जाऊ


पुराने वक्त का सिक्का हु यारो
मूजे फेक ना देना
बूरे दिनो मे शायद मै हि काम आ जाऊ.


सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है.
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है.


गम तो सभी देते है
गम मे साथ कम देते है


Agar Saleeqa Ho Bheegi Huyi Ankhoon Ko Padhanay Ka
Tou Behtay Hoye Ansoo Bhi Aksar Baat Kartay Hain…


Tezaab Se Khelne Ka Shauk Tha Mujhe …..
Tujhse Dil Laga Ke Ye Shauk Bhi Poora Ho Gaya….!


Sirf Aapki Hi Khushi Chahte Thay To Hath Phela Diye,
Werna Hum To Apni Zindagi Ke Liye Bhi Dua Nahi Krte!


Vo Samjhta Hai Ki Har Shakhs Badal Jata Hai…..
Ussey Lagta Hai Zamana Us Ke Jaisa Hai….


फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़ !
फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे ।


“देर रत जब किसी की याद सताए,
ठंडी हवा जब जुल्फों को सहलाये.


कर लो आंखे बंद और सो जाओ क्या पता,
जिसका है ख्याल वो खवाबों में आ जाये.”


गिरना ही था जो आपको..
तो सौ मक़ाम थे.,

ये क्या किया..
कि निगाहों से गिर गए…….


नींदे गिरवी हैं उस के पास,
जिस से मोहब्बत का क़र्ज़ लिया था……


एहसास-ए-मुहब्बत के लिए… 
बस इतना ही काफी है,

तेरे बगैर भी हम,
. तेरे ही रहते हैं…!


बस रोशन करना जमानें को है मेरा मकसद यारों..
वो मुझ आफताब से ले या मेरे माहताब से ले…!


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