Showing posts with label Dard Bhari Shayari in Hindi. Show all posts

दर्द भरी शायरी

September 02, 2020

ज़ख्मों को दबा कर
सीने में रह कर खामोश ,

चेहरे पर हसी लेना कोई बड़ी बात नहीं,
बड़ी बात तो तब होगी जब कोई खुद के

जख्मों को साइड में दबा कर,
दूसरों के चेहरे की उदासी को दूर करे.

************
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया,
किस-किस को भुला देते,

अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।

************
ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार
मौत आती हैं एक बार

दोस्ती होती हैं एक बार
प्यार होता हैं एक बार

दिल टूटता हैं एक बार
जब सब कुछ होता हैं एक बार

तो फिर आपकी याद 
क्यों आती हैं बार बार!

************
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,

जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है!

************
आँसू जानते हैं कौन अपना है,
तभी अपनों के आगे निकलते हैं,

मुस्कुराहट का क्या है,
ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है!

************
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !

जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !

************
जिनके दिल पे लगती है चोट..
वो आँखों से नही रोते,

जो अपनो के ना हुए..
किसी के नही होते,

मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है..
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते|

************
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,

उनसे क्या गिला करें..
भूल तो हमारी थी
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।

************
आँखों से आंसू भी न निकले और नमी भी है…
उनकी याद भी साथ है और तन्हाई भी है…

सांस तो साथ है मगर जिन्दगी नहीं…
हर सांस मे तू रहती भी है और तेरी कमी भी है.

************
लबों पे नाम है जिनका
उन्हें कुछ भी खबर नहीं

गजल में दर्द है जिनका
उन्हें कुछ भी खबर नही!

Read More

Sad poem in Hindi | Dard Bhari Shayari in Hindi

April 08, 2020

 दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
कभी बेवफ़ाई, कभी गम तो कभी जुदाई लिखता हूँ
मिला जो मेरे महबूब से मुझे
वो रुसवाई लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ

उसकी याद मे बिताई तन्हा राते लिखता हूँ
अपनी जिंदगी का खालीपन लिखता हूँ
दिल पर उसने दिये मेरे जो
वो हर एक जख्म लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ

टूटे हुए अपने ख्वाब लिखता हूँ
उससे किया एक तरफा प्यार लिखता हूँ
जब वो मुझको छोड़कर गया
वो आखरी मुलाक़ात लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ

कच्ची उम्र मे की गयी नादानी लिखता हूँ
उसके पीछे बर्बाद की अपनी जवानी लिखता हूँ
अंजाम तक जो ना पहुच सकी कभी
वो अपनी अधूरी प्रेम कहानी लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ

उसका इंतज़ार कर रही इन आंखो की प्यास लिखता हूँ
उसे दोबारा पाने की आस लिखता हूँ
पढकर मेरी कविताओ को,वो वापस आ जाए
इसलिए मैं बार बार लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ

Read More