Do Hi Gawah The Meri Mohabbat Ke
दो ही गवाह थे मेरे मोहब्बत के
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आज लड़किया मर्दो से कम नहीं,
पर हमे इसका कोई गम नहीं.
माना कि वो फ्यूचर मे आसमान पर जाएँगी, .
मगर रात को तो हमारे ही नीचे आएँगी..।, 😜😛
दे गच्चा गच😂😝👙 😂😂😝🙊🙊😝😂😂
एक आदमी पन्द्रह बकरियों को अपने घर ले जा रहा था. रास्ते में उसकी भेंट एक राक्षसी से हो गयी. उसने किसी देहाती औरत की तरह उसका पीछा किया. शाम होने पर वे रास्ते में ठहर गए. उन्होंने अपना-अपना भोजन खाया और अपनी बकरियों को बांधकर आदमी सो गया. जब वह सोया हुआ था, औरत दो बकरियों को खा गयी. अब तेरह बकरियां बच गयी थीं. सुबह जागने पर आदमी ने दो बकरियां कम देखीं तो वह गहरी सोच में पड़ गया. उसे उनके बारे में कुछ पता ही नहीं चल रहा था. जब उसने राक्षसी से पूछा कि बकरियों का क्या हुआ तो उसने कहा उसे कुछ नहीं पता.
“तुम और मैं सोए हुए थे. मुझे क्या मालूम बकरियों को कौन ले गया.”
इसके बाद वह अपने घर की तरफ चल पड़ा. औरत फिर उसके पीछे पीछे आने लगी. उन्होंने फिर सड़क पर रात बिताई. दूसरी रात को वह चार बकरियां खा गयी. अब आदमी के पास नौ बकरियां बचीं. जब औरत से पूछा गया तो उसने वही जवाब दिया, इस तरह वह सारी बकरियों को खा गयी.
एक दिन राक्षसी ने खुद को घरेलू औरत के भेस में छिपा लिया. दूसरे दिन वह पंद्रह साल की लड़की का रूप धरकर सामने आई. आदमी को वह बहुत सुन्दर लगी. उसने लड़की से विवाह करने की इच्छा जाहिर की. वह मान गयी. आदमी के घर में उसकी चार पत्नियां और थीं. जब रात आई और सब सोने चले गए तो राक्षसी एक पत्नी को खा गयी. उसने दूसरी रात दूसरी और तीसरी रात तीसरी को भी खा लिया.
चौथी रात चौथी की बारी थी. चौथी पत्नी जो गर्भवती थी, अपने चौदह साल के लडके को लेकर पड़ोस के एक घर में चली गयी. कुछ घंटे आराम करने के बाद उसने अपने बेटे को बताया, “तुम्हारे बाप की नई बीवी ने तुम्हारी सभी सौतेली मांओं को खा लिया है. अब हमें कोई जगह ढूंढनी चाहिए. अगर मैं अपने पति को इस बारे में बताती हूँ तो वह उसे मारने के बजाय मुझे फटकारेगा और मार डालेगा. उस नई वाली को कुछ नहीं होगा.”
इसके बाद उसके बेटे ने नई बीवी को ठिकाने लगाने के लिए किसी जगह के बारे में विचार करना शुरू कर दिया. वह बाजार गया जहाँ उसे एक बुढ़िया मिली जो राक्षसी के मुंह से खून पोंछा करती थी. लड़के ने बुढ़िया से कहा कि अगर वह राक्षसी से पूछ सके कि उसकी आत्मा कहाँ निवास करती है तो वह उसे सोने की एक मोहर देगा. बुढ़िया राक्षसी की पक्की सहेली थी और राक्षसी हर रोज उससे मिलने आया करती थी. बुढ़िया राक्षसी के सर के जूं मारा करती और उसके मुंह का खून पोंछती लड़के ने घर जाकर अपनी माँ को बताया कि उसने राक्षसी को मारने की योजना बनाना शुरू कर दिया है. दूसरे दिन जब रोज की तरह राक्षसी बुढ़िया के पास आई, बुढ़िया ने उससे पूछा कि उसकी आत्मा कहाँ रहती है.
राक्षसी ने जवाब दिया, “मैं एक बहुत नामीगिरामी राक्षस की बेटी हूँ और मेरी आत्मा सात समुद्रों के पार रहती है. वहां पीपल का एक बड़ा पेड़ है जिसकी शाखाएं बहुत लम्बी हो चुकी हैं और जिसके नीचे यात्री आराम करते हैं. उन शाखाओं पर बहुत सारे तोते रहते हैं. पेड़ की चोटी पर एक घोंसला है जिसमें एक बड़ा तोता रहता है. मेरी आत्मा उसी तोते के भीतर रहती है.”
अगले दिन लड़के ने बुढ़िया के पास आकर उससे पूछा कि उसने राक्षसी की आत्मा के बारे में कुछ पता किया कि नहीं. बुढ़िया ने कहा कि उसने पता किया था.
“अगर तुम मुझे सोने की दो मोहरें दो तो मैं बता दूंगी.”
लड़के ने उसे सोने की दो मोहरें दे दीं और उसे रहस्य का पता चल गया. अब लड़का अपने घर जाकर सोचने लगा कि वह सात समुद्रों के पार कैसे जा सकेगा. वह फिर से बुढ़िया के पास लौटा और उससे राक्षसी के पूछ कर सात समुद्रों के पार करने का तरीका पता करने को कहा. अगले दिन राक्षसी बुढ़िया के पास आई थी. जब बुढ़िया राक्षसी के सिर के जूं मार रही थी और मुंह का खून साफ़ कर रही थी, उसने राक्षसी से कहा कि उसने सावधान रहना चाहिए और उस चीज को कभी नहीं खोना चाहिए जिसकी मदद से सात समुद्र पार किये जाते हैं. राक्षसी उसके जाल में फंस गयी और उसे बताने लगी कि उसके पास एक फुट लम्बा एक सैण्डिल है जिसे वह अपने साथ लेकर आई थी और जिसे उसने अपनी खाट के नीचे एक संदूक में छिपा रखा है. उसके बाद वह बोली, “किसी से कहना मत. मैंने तुम्हें अपनी पक्की सहेली समझ कर बताया है. तुमने मेरे इस रहस्य को उसी तरह छुपा कर रखना होगा जैसे तुमने मेरे द्वारा आदमियों और जानवरों को खाने की बात छुपाई है.”
उधर आदमी के घर में राक्षसी ने सभी घोड़ों और गाय-भैंसों को खा लेने के बाद पड़ोस के कुछ लोगों को भी घायल कर दिया था. राक्षसी के चले जाने के बाद लड़का चालाकी से छिपता-छिपाता बुढ़िया के पास पहुंचा. उसने बुढ़िया से पूछा कि क्या वह राक्षसी से कुछ पता कर सकी.
बुढ़िया बोली, “हां, पर यह बताने के लिए सोने की चार मोहरें लगेंगी.”
लड़के ने बुढ़िया को सोने की चार मोहरें दे दीं. तब उसने लड़के को राक्षसी के कमरे में खाट के नीचे रखे संदूक और उसके भीतर धरे सैण्डिल के बारे में बताया. सोचता-विचारता लड़का वापस घर आया. उसने अपनी माँ को कुछ भी नहीं बताया. रात को उसने एक फ़कीर का रूप धारण किया और अपने पिता के घर जा पहुंचा जहाँ राक्षसी रहती थी. उसने लोगों से कहा कि उसे दान-दक्षिणा चाहिए. राक्षसी उसे देने को थोड़ा आटा लेकर आई. फ़कीर ने उससे कहा कि उसे आटा नहीं चाहिए. यह सुनकर ऊपर की मंजिल से उसका पिता उतर कर आया और उससे पूछने लगा कि उसे क्या चाहिए.
लड़के ने जवाब दिया कि उसे उसके बगल के कमरे में एक रात रहने को अकेला कमरा चाहिए और उसे जलाने को ईंधन मिले. उसने आग जलाई और जब उसे भोजन दिया गया उसने जी भर कर खाया. सुबह के दो बजे उसने प्रार्थना की, अगर इस घर में मेरा अधिकार है तो इस दीवार का एक पत्थर अपनी जगह छोड़ देगा और इसमें एक सूराख बन जाएगा.”
उसके शब्दों के अनुसार एक पत्थर अपनी जगह से हटा और दीवार में एक सूराख बन गया. वह छिपकर उस सूराख से होता हुआ बगल वाले कमरे में पहुंचा जहाँ उसका पिता और सौतेली माँ सोये हुए थे. उसने खाट के नीचे से संदूक उठाया और वापस अपने कमरे में आ गया. उसने आग की मदद से संदूक को खोला और उसमें से सैण्डिल बाहर निकाली. इसके बाद उसने संदूक को वापस खाट के नीचे रख दिया और वापस आकर तम्बाकू पीता हुआ सोचने लगा कि दीवार में बने सूराख के बारे सवाल जरूर पूछे जाएंगे. उसने प्रार्थना की कि अगर उस घर पर उसका अधिकार है तो सूराख बंद हो जाय. सूराख पहले जैसा हो गया. चार बजे वह सात समुद्रों की तरफ चल पड़ा. उसने अपने एक पैर में सैण्डिल पहना और उसकी मदद से एक ही पल में सात समुद्रों को पार कर लिया.
छः बजे वह पीपल के पेड़ के पास था. उसने बहुत सारे तोते देखे. उसने देखा सबसे ऊंची डाल पर एक बड़ा तोता बैठा हुआ था. समुद्र पार करने से पहले वह अपने साथ तलवार ले कर गया था. वह धीरे-धीरे पेड़ पर चढ़ते हुए भगवान से प्रार्थना करने लगा कि कुछ ऐसा हो कि तोते के प्राण न निकलें और वह नीचे गिर जाय. उसने तोते पर एक हमला किया और अपनी तलवार के वार से उसके पंख और पैर काट डाले. तोते को होने वाला दर्द वहां राक्षसी को भी अनुभव हुआ. वह मरने लगी. लड़के ने तोते को ज़िंदा थामा और सात समुद्र पार कर अपने पिटा के सामने प्रकट होकर उसे सारी बात बताई. उसके पिता और ग्रामीणों ने उसकी बड़ी प्रशंसा की. राक्षसी ने बाहर आकर पूछा, “यह क्या है?”
तोते की तरफ इशारा करते हुए उसने लड़के से कहा, “यह मेरी जिन्दगी है. इसे अब मत मारो. मैं तुम्हें अपने बाप के घर से लाकर लाखों रुपये दूंगी.”
लड़के ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया और सभी ग्रामीणों और अपने पिता और अपनी माता के सामने तोते को मार डाला जिसके बाद राक्षसी भी मर गयी.
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"Believe you can and you're halfway there." - Theodore Roosevelt
This quote by the 26th President of the United States, Theodore Roosevelt, is one of the most motivational one-liners ever because it speaks to the power of belief and mindset. By reminding us that simply believing in ourselves is half the battle, Roosevelt encourages us to take the first step towards our goals and aspirations, regardless of the obstacles in our path.
This quote is a powerful reminder that our thoughts and beliefs have a significant impact on our lives, and that a positive and motivated mindset can help us achieve great things. Whether you're facing a difficult challenge, pursuing a big goal, or simply looking for a boost of motivation, this quote is a great reminder of the power of self-belief and positive thinking.
Source: https://www.quora.com/Whats-the-most-motivating-one-liner-ever