दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
कभी बेवफ़ाई, कभी गम तो कभी जुदाई लिखता हूँ
मिला जो मेरे महबूब से मुझे
वो रुसवाई लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
उसकी याद मे बिताई तन्हा राते लिखता हूँ
अपनी जिंदगी का खालीपन लिखता हूँ
दिल पर उसने दिये मेरे जो
वो हर एक जख्म लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
टूटे हुए अपने ख्वाब लिखता हूँ
उससे किया एक तरफा प्यार लिखता हूँ
जब वो मुझको छोड़कर गया
वो आखरी मुलाक़ात लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
कच्ची उम्र मे की गयी नादानी लिखता हूँ
उसके पीछे बर्बाद की अपनी जवानी लिखता हूँ
अंजाम तक जो ना पहुच सकी कभी
वो अपनी अधूरी प्रेम कहानी लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
उसका इंतज़ार कर रही इन आंखो की प्यास लिखता हूँ
उसे दोबारा पाने की आस लिखता हूँ
पढकर मेरी कविताओ को,वो वापस आ जाए
इसलिए मैं बार बार लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
कभी बेवफ़ाई, कभी गम तो कभी जुदाई लिखता हूँ
मिला जो मेरे महबूब से मुझे
वो रुसवाई लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
उसकी याद मे बिताई तन्हा राते लिखता हूँ
अपनी जिंदगी का खालीपन लिखता हूँ
दिल पर उसने दिये मेरे जो
वो हर एक जख्म लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
टूटे हुए अपने ख्वाब लिखता हूँ
उससे किया एक तरफा प्यार लिखता हूँ
जब वो मुझको छोड़कर गया
वो आखरी मुलाक़ात लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
कच्ची उम्र मे की गयी नादानी लिखता हूँ
उसके पीछे बर्बाद की अपनी जवानी लिखता हूँ
अंजाम तक जो ना पहुच सकी कभी
वो अपनी अधूरी प्रेम कहानी लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ
उसका इंतज़ार कर रही इन आंखो की प्यास लिखता हूँ
उसे दोबारा पाने की आस लिखता हूँ
पढकर मेरी कविताओ को,वो वापस आ जाए
इसलिए मैं बार बार लिखता हूँ
मैं दर्द का शायर हूँ, मैं दर्द लिखता हूँ