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January 21, 2023

Very Funny Jokes In Hindi

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Short Jokes In Hindi

पता है...
भगवान ने मां क्यों बनाई 
बाप को कंट्रोल करने के लिए

Pata Hai...
Bhagwan Ne Maa Kyun Banayi
Baap Ko Control Karne Ke Liye
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Funny Chutkule In Hindi

नये नवेले आशिकों को सुझाव::

गुस्से में ‘उसका’ नम्बर तभी डिलिट करना, 
जब नम्बर याद हो जाए, 
नही तो बाद में बहुत दिक्कत होती है.. 
😝😝😂😂😂😝😝

Naye Navale Aashiqon Ko Sujhav::

Gusse Mein ‘usaka’ Number Tabhee Dilit Karana, 
Jab Nambar Yaad Ho Jae, 
Nahee to Baad Mein Bahut Dikkat Hotee Hai.. 
😝😝😂😂😂😝😝
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ये जो लोग रोज नहा के 
पानी बर्बाद करते है 
उन्हे ही अगले जनम मे ऊंट बना के 
रेगिस्तान मे छोड दिया जाता है

Ye Jo Log Roj Naha Ke 
Paanee Barbaad Karate Hai 
Unhe Hee Agale Janam Me Oont Bana Ke 
Registaan Me Chhod Diya Jaata Hai
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गांव में पीपल के नीचे 
शहर में मेकअप के नीचे 
चुड़ैल होती हैं

Gaon Mein Peepal Ke Neeche

Shahar Mein Makeup Ke Neeche
Chudail Hoti Hain


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​टीचर : एक टोकरी में 10 आम है , उसमें से २ आम सड़ गए , बताओ कितने आम बचे ?
संजू : सर , 10 आम
टीचर : वो कैसे ?
संजू : सड़ने के बाद भी आम तो आम ही रहेगा ना , केले तो बन नहीं जाएंगे

​teacher : Ek Tokaree Mein 10 Aam Hai , Usamen Se 2 Aam Sad Gae , Batao Kitne Aam Bache ?
Sanjoo : Sar , 10 Aam
Teacher: Vo Kaise?
Sanjoo : Sadane Ke Baad Bhi Aam to Aam Hee Rahega Na , Kele to Ban Nahin Jaenge


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Comedy Jokes in Hindi | Jokes Comedy | फनी जोक्स इन हिंदी फॉर व्हाट्सएप्प

March 23, 2021

पहले भटूरे को फुलाने के लिये उसमें Eno डालिये .....

फिर भटूरे से फूले पेट को पिचकाने के लिये Eno पीजिये 

जीवन के कुछ गूढ़ रहस्य आप कभी नहीं समझ पायेंगे 🤔

            😊😊😊


 हमारे पिताजी के समय में दादाजी गाते थे
मेरा नाम करेगा रोशन
जग में मेरा राज दुलारा", 

हमारे ज़माने में हमने गाया .... 
पापा कहते है
बड़ा नाम करेगा,   

अब हमारे बच्चे गा रहे हैं .... 
बापू सेहत के लिए ..
तू तो हानिकारक है!
😂😂🤣😜सही में हम कहाँ से कहाँ आ गए👍👍👍👍😀😀


जिसने भी लिखा कमाल का लिखा---- पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें ।

पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था ।

"पुस्तक के बीच  पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था"। 

कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था ।

हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था ।

माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी , न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी । 
सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे । 

एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं । 

स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?

पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी ,
"पीटने वाला और पिटने 
वाला दोनो खुश थे" , 
पिटने वाला इसलिए कि कम पिटे , पीटने वाला इसलिए खुश कि हाथ साफ़ हुवा। 

हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं,क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना नहीं आता था ।

आज हम गिरते - सम्भलते , संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं , कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं ।

हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है , हमे हकीकतों ने पाला है , हम सच की दुनियां में थे ।

कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे ।

अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं , शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है, वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं ।

हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए ।

"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे”...
             😃😃😃😃

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